गुमला (GUMLA): गुमला जिला में इन दिनों चमगादड़ो की संख्या में तेजी से कमी हो रही है. जिसको लेकर आम लोगो ने चिंता व्यक्त किया है. वही इस मामले को लेकर प्रशासनिक कोई पहल होती हुई नजर नहीं आ रही है. बता दें कि आज जहां पूरे देश मे पशु पक्षियों की घटती संख्या को लेकर चिंता व्यक्त की जा रही है. वहीं गुमला जिला में तेजी से चमगादड़ो की संख्या में कमी आ रही है. जिसको लेकर कोई पहल नहीं कि जा रही है.दरसल गुमला जिला के परिसदन व वन तालाब के समीप काफी संख्या में पेड़ हैं. जहां सैंकड़ो की संख्या में चमगादड़ रहा करते थे. लेकिन इन दिनों लगातार लिप्ट्स का पेड़ काटा जा रहा है. जिससे उनका आशियाना समाप्त होने से लगातार उनकी संख्या घटती जा रही है. स्थानीय व्यक्तियों की माने तो पहले जब वे परिसदन व वन तालाब के आसपास जाते थे. तो उन्हें काफी संख्या में चमगादड़ देखने को मिलता था. लेकिन अब संख्या काफी कम हो गया है जो निश्चित रूप से काफी चिंता का विषय बना हुआ है.
वहीं इस मामले में पशु-पक्षियों के जानकारी अनिरुद्ध चौबे ने बताया कि पशु पक्षी हमारे वातावरण में अहम भूमिका निभाते है. लेकिन चमगादड़ की घटती संख्या काफी चिंता जनक है. क्यों कि चमगादड़ हमारे पार्यावरण के लिए काफी महत्वपूर्ण है. लेकिन बावजूद इसके चमगादड़ो के सरक्षण को लेकर गंभीर ना होना चिंता का विषय है. एक ओर जहां लगातार लोग पशु पक्षियों का शिकार करके उनकी संख्या को कम कर रहे है. वही अगर इसी तरह से उनके आश्रय को भी प्रभावित किया जाएगा तो निश्चित रूप से ये पूरी तरह से विलुप्त हो जाएगा. जिसे हमारी आने वाली पीढ़ी केवल फाइलों के पन्नो में ही देख पाएगी.
रिपोर्ट. सुशिल सिंह
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