हाई कोर्ट के इस फैसले से बीसीसीएल सहित कोयला उपभोक्ताओं को क्यों मिलेगी बड़ी राहत, पढ़िए विस्तार से !


धनबाद (DHANBAD) : झारखंड सरकार को अब बीसीसीएल को राशि लौटानी होगी. यह राशि 113 करोड़ से अधिक की बताई जाती है. दरअसल, कोरोना काल में 3 साल के लिए लागू कोविड सेस की राशि तय समय सीमा के बाद भी बीसीसीएल से झारखंड सरकार लेती रही. बीसीसीएल ने इसके खिलाफ झारखंड हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की. हाईकोर्ट ने तय समय सीमा के बाद कोविड सेस के रूप में ली गई राशि को वापस करने का आदेश दिया है.
बताया जाता है कि तय समय सीमा के बाद लगभग 113 करोड़ से अधिक की राशि बीसीसीएल से झारखंड सरकार ने कोविड सेस के रूप में वसूल की. उल्लेखनीय है कि झारखंड खनिज युक्त भूमि उपकार अध्यादेश 2020 के अनुसार 6 जुलाई 2020 के आधिकारिक राजपत्र में शुरू और प्रकाशित किया गया था.
जिसमें प्रावधान किया गया था कि उक्त अध्यादेश के तहत उपकर की वसूली इस अध्यादेश के शुरू होने की तारीख से 3 वर्षों के लिए वैध होगी. जुलाई 23 के बाद भी बीसीसीएल की ओर से राज्य सरकार को कोविड सेस की रकम दी जाती रही. कोविड सेस की वजह से उपभोक्ताओं पर भी अतिरिक्त भार पड़ रहा था. अब उन्हें इससे छुटकारा मिल सकता है.
इस फैसले के बाद बीसीसीएल की वित्तीय स्थिति भी सुधरेगी तो कोयला लेने वाले उपभोक्ताओं को भी लाभ होगा. कोविड सेस की राशि कंपनी उपभोक्ताओं से लेकर ही जमा करती थी. बड़ी मात्रा में कोयला उठाने वाली पावर और नॉन पावर कंपनियों के साथ लिंकेज धारकों को भी इस फैसले से काफी राहत मिलेगी.
रिपोर्ट-धनबाद ब्यूरो
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