TNP DESK: हर धर्म का एक पवित्र महीना होता है, जिसे उस धर्म के लोग बहुत ही शालीनता से मनाते हैं. इसी तरह हिंदू धर्म में श्रावण मास को भी पवित्र माना जाता है. पौराणिक कथाओं में कहा जाता है कि माता पार्वती ने श्रावण मास में पूरे एक महीने तक कठोर तप करके भगवान शिव को प्रसन्न किया था. तभी से सावन का महीना भगवान शिव का प्रिय महीना बन गया. मान्यता है कि जो भी भक्त कष्ट में है, या उसके जीवन में परेशानियां आ रही हैं. उसे भगवान शिव की पूजा करने की सलाह दी जाती है. क्योंकि भगवान शिव अपने भक्तों की कठोर तपस्या और समर्पण से प्रसन्न होते हैं.
सावन के महीने में भगवान शिव का व्रत विशेष विधि-विधान से रखा जाता है. सावन का महीना हिंदी तिथि के अनुसार पांचवें महीने में आता है, जबकि अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार यह जुलाई से अगस्त के बीच आता है. इस महीने में सोमवार के व्रत का अपना विशेष महत्व होता है. व्रतों का महीना है सावन सावन के महीने में कई व्रत आते हैं, लेकिन इस महीने में सबसे खास होता है सोमवार का व्रत. इस महीने में तीन तरह के सोमवार व्रत होते हैं. 1. सोलह सोमवार व्रत. 2. सावन सोमवार व्रत. 3. प्रदोष व्रत. कहा जाता है कि सोलह सोमवार की शुरुआत करने के लिए सावन का महीना सबसे शुभ माना जाता है. सोमवार का दिन भगवान शिव को भी समर्पित है. कहा जाता है कि जिन लड़कियों की शादी में परेशानी आ रही है, उन्हें यह व्रत जरूर रखना चाहिए. सावन के महीने में व्रत रखने वालों की भगवान शिव सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं.
सावन त्योहारों का महीना है
सावन के महीने में कई व्रत और त्योहार आते हैं जो बेहद खास होते हैं. भारत के कई हिस्सों में सावन के आखिरी दिन नटियाल पूर्णिमा मनाई जाती है. इसके साथ ही इस महीने में कर्क संक्रांति, हरियाली तीज, रक्षा बंधन और नाग पंचमी मनाई जाती है.
भगवान शिव के दर्शन और पूजा
सावन के महीने में भगवान शिव के भक्त देश के हर प्रसिद्ध मंदिर में उनके दर्शन करने जाते हैं और वहां पूजा-अर्चना कर अपनी मनोकामनाएं पूरी करने की प्रार्थना करते हैं. ऐसे में भक्त ज्यादातर काशी, उज्जैन, नासिक और अन्य धार्मिक स्थलों पर जाते हैं.
प्रकृति का महीना
सावन के महीने में सबसे ज़्यादा बारिश होती है, जिसकी वजह से चारों तरफ हरियाली छा जाती है. इस महीने में फल-फूल भी काफ़ी मात्रा में मिलते हैं. खेतों में अच्छी बारिश की वजह से फ़सलें भी लहलहाती रहती हैं. इसीलिए लोग इसे सावन के महीने के साथ-साथ प्रकृति का महीना भी कहते हैं.
कावड़ यात्रा
सावन के इस पवित्र महीने में शिव भक्त बाबा बैद्यनाथ धाम जाकर जलाभिषेक करते हैं. देवघर स्थित बाबा बैद्यनाथ धाम में जलाभिषेक करने के लिए भक्त सुल्तानगंज से कई किलोमीटर तक नंगे पांव कावड़ में गंगाजल लेकर अपने कंधों पर यात्रा करते हैं और भगवान शिव पर जलाभिषेक करते हैं और उनका आशीर्वाद लेते हैं.
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