TNP NEWS: बिहार में श्याम रजक ने राजद से इस्तीफा देकर पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव का टेंशन बढ़ा दिया है, तो झारखंड में चंपाई सोरेन को लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन तनाव में है. श्याम रजक ने तो इस्तीफा दे दिया है लेकिन चंपाई सोरेन इस्तीफा नहीं दिए है. वह कह रहे हैं कि सारी स्थितियां कुछ दिनों में साफ हो जाएगी. मतलब कि वह अपनी राजनीति को लेकर संस्पेंस बनाये रखना चाहते है. वह भाजपा में शामिल होने के लिए दिल्ली गए, लेकिन बात नहीं बनी , फिर लौटकर झारखंड आ गए है. इधर, श्याम रजक ने राजद से इस्तीफा देकर बिहार की सर गर्मी बढ़ा दी है. तो चंपाई सोरेन झारखंड में सस्पेंस बनाये हुए है. सूत्र बताते हैं कि पिछले 6 महीने में राजद छोड़ने वाले श्याम रजक आंठवे या नौवें नेता है.
बिहार की राजनीति पर डाल सकता है असर
बताया जाता है कि चार दशक से बिहार की राजनीति में सक्रिय श्याम रजक का राजद से रिश्ता तोड़ना सिर्फ राजनीतिक घटनाक्रम नहीं है, इसका एक बड़ा संदेश भी जा सकता है. श्याम रजक ने यह खुलासा नहीं किया है कि उनका अगला कदम क्या होगा. लेकिन जदयू ने उनका स्वागत किया है. जबकि राजद का कहना है कि श्याम रजक के जाने से पार्टी की सेहत पर कोई असर नहीं पड़ेगा. बिहार की राजनीति को जानने वाले यह भी बताते हैं कि लालू प्रसाद जब ऊंचाइयों के चरम पर थे, तो राम और श्याम की जोड़ी मशहूर थी. राम और श्याम का मतलब रामकृपाल यादव और श्याम रजक से होता था. रामकृपाल यादव पहले ही भाजपा के साथ हो चुके हैं और अब श्याम रजक भी लालू प्रसाद से किनारा कर लिया है. 2025 के विधानसभा चुनाव के पहले श्याम रजक ने एक बार फिर पार्टी छोड़कर लालू प्रसाद को झटका दिया है.
2020 में विधानसभा चुनाव के ठीक पहले बड़ी उम्मीद से लौटे थे
श्याम रजक 2020 में विधानसभा चुनाव के ठीक पहले बड़ी उम्मीद लेकर राजद में लौटे थे. सरकार में मंत्री रहते हुए उन्होंने इस्तीफा दिया था. तब तेजस्वी यादव ने खुद उन्हें दल में शामिल कराया था. उन्हें राजद का राष्ट्रीय महासचिव भी बनाया गया. हालांकि अब वह इस पद से इस्तीफा दे दिए है. राजद में वह खुद को असहज महसूस कर रहे थे. पिछले विधानसभा चुनाव में उनके क्षेत्र फुलवारी शरीफ से उन्हें टिकट नहीं मिला. लोकसभा चुनाव में उन्होंने समस्तीपुर से चुनाव लड़ने का मन बनाया ,लेकिन मौका नहीं मिला. राज्यसभा चुनाव की बारी आई तो यहां भी उनका हाथ खाली रहे. लगातार आहत श्याम रजक ने पार्टी से नाता तोड़ लिया. श्याम रजक ने इस्तीफा के बाद पत्रकारों से बातचीत में कहा कि फुलवारी शरीफ का जो विकास होना चाहिए था, वह नहीं हुआ. इसका मुझे दुख है. आगे मेरे पास सारे विकल्प खुले हुए है. आगे किस दल के साथ काम करूंगा, इस पर विचार करने के बाद ही कोई निर्णय ले सकता हू
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
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