धनबाद रेल मंडल एक बार फिर क्यों है समूचे देश में डंका बजाने की तैयारी में ,पढ़िए विस्तार से !!

धनबाद (DHANBAD) : धनबाद रेल मंडल चालू वित्तीय वर्ष में भी लोडिंग और राजस्व के मामले में नंबर एक होने के कगार पर पहुंच गया है. आज 29 मार्च है, वित्तीय वर्ष समाप्ति में अब केवल कुछ ही दिन बचे है. 26 मार्च तक के ढुलाई के आंकड़ों पर गौर करें तो धनबाद डिवीजन ने 190.14 मिलियन टन लोडिंग कर चुका है. दूसरे पायदान पर बिलासपुर रेल मंडल है. जो 25 मार्च की आधी रात तक 186.2 मिलियन टन लोडिंग किया है. सूत्र बताते हैं कि वित्तीय वर्ष के बचे हुए दिनों में बिलासपुर रेल डिवीजन को धनबाद से आगे निकलना असंभव सा दिख रहा है.
बता दें कि 2023 से ही धनबाद रेल मंडल लोडिंग के साथ-साथ आमदनी में नंबर एक स्थान पर बना हुआ है. 2022 में लोडिंग में पिछड़ने के बाद भी राजस्व आय में धनबाद शीर्ष पर था. चालू वित्तीय वर्ष में धनबाद रेल डिवीजन ने पिछले साल के मुकाबले अभी तक 2.5 4% की बढ़ोतरी दर्ज की है. धनबाद डिवीजन ने इस साल अपने ही पुराने रिकॉर्ड को तोड़ दिया है. पूर्व मध्य रेलवे के सभी पांच मंडलों ने मिलकर 198.3 मिलियन टन लोडिंग कर सके है. इसमें धनबाद की हिस्सेदारी 95% की लगभग है.
धनबाद रेल मंडल 26 मार्च तक 24964.15 करोड रुपए की कमाई कर चुका है. जबकि दूसरे पायदान पर चल रहे बिलासपुर अभी तक 22413.24 करोड़ कमाया है. बता दें कि झारखंड में रेल के तीन डिवीजन है. चक्रधरपुर, रांची और धनबाद. धनबाद रेल मंडल कमाई में आगे आगे चल रहा है. इस साल भी वह कमाई में सबको पीछे छोड़ने की तैयारी में है. धनबाद रेल मंडल को भारतीय रेल का सिरमौर भी कहा जाता है. धनबाद रेल मंडल का गठन 5 नवंबर 1951 को हुआ था. धनबाद रेल मंडल में कई महत्वपूर्ण जंक्शन, स्टेशन और हाल्ट आते है. जिनमें धनबाद, गोमो, बरकाकाना, कोडरमा, चंद्रपुरा, गढ़वा रोड, डाल्टनगंज, सिंगरौली और चोपन शामिल है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
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