धनबाद(DHANBAD): एन चुनाव के बीच धनबाद के कांग्रेस नेताओं ने "सेल्फ गोल" कर लिया है. नतीजा है कि भाजपा खुश है. भाजपा को उम्मीद है कि एक खास जाति का वोट अब बिल्कुल भाजपा के पक्ष में हो जाएगा. भाजप जिस जाति को अपने पक्ष में करने का प्रयास कर रही थी ,वह अपने आप होता उसे दिख रहा है. यह अलग बात है कि केंद्र से लेकर प्रदेश का कांग्रेस नेतृत्व इस मामले को लेकर गंभीर है. देखना है आगे -आगे होता है क्या? डैमेज कंट्रोल के क्रम पर किसी पर गाज गिर जाये तो आश्चर्य नहीं होना चाहिए.
दोनों पक्ष की ओर से पुलिस में की गई है शिकायत
इस बीच जानकारी मिली है कि कांग्रेस नेताओं के बीच हुई मारपीट के मामले में दोनों ओर से प्राथमिक दर्ज कराई गई है. जिला अध्यक्ष संतोष सिंह और वैभव सिन्हा के समर्थकों ने एक दूसरे पर एफआईआर दर्ज कराई है. वैभव सिन्हा के पक्ष में भूली निवासी अजय पासवान की शिकायत पर कांग्रेस नेता संतोष सिंह, उनके भाई पप्पू सिंह सहित अन्य अज्ञात के खिलाफ जानलेवा हमले की प्राथमिक दर्ज कराई गई है. वहीं संतोष सिंह के पक्ष में झरिया निवासी सूरज कुमार वर्मा की शिकायत पर वैभव सिन्हा , पवन और संतोष कुमार सहित अन्य के खिलाफ मारपीट के बाद छिनतई की प्राथमिक दर्ज कराई गई है. अब यह मामला पुलिस के पास पहुंच गया है.
केंद्रीय नेतृत्व की साख पर भी लगा है बट्टा
हालांकि इस घटना ने केंद्रीय नेतृत्व की साख पर भी बट्टा लगाया है. राहुल गांधी के धनबाद में कार्यक्रम के कुछ ही घंटा पहले कांग्रेस नेताओं के बीच शुक्रवार की रात एक होटल के पास जमकर मारपीट हुई थी. कांग्रेस के वरीय नेता व पार्टी के ऑब्जर्वर अधीर रंजन चौधरी के सुरक्षाकर्मी को होटल में ठहरने के सवाल पर दोनों पक्षों में मारपीट हुई थी. दरअसल, अधीर रंजन चौधरी को धनसार के एक होटल में ठहराया गया था, जबकि उनके बॉडीगार्ड के लिए दूसरे होटल में प्रबंध की बात कही गई थी. मारपीट में कई लोगों के सिर फूट गए है. हालांकि, इस घटना के बाद धनबाद जिला कांग्रेस दो खेमों में बंट गई है. एक तबका कांग्रेस के जिला अध्यक्ष संतोष सिंह के साथ है, तो दूसरा खेमा प्रदेश सचिव वैभव सिन्हा के साथ हो गया है. यह अलग बात है कि कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने दोनों पक्ष में सुलह कराने की कोशिश भी की, लेकिन समाचार लिखे जाने तक मामला शांत नहीं हुआ है.
बाघमारा में राहुल गांधी की सभा में पहुंचे थे सभी बड़े नेता
बाघमारा में राहुल गांधी की सभा में केंद्रीय महासचिव, प्रदेश प्रभारी सहित अन्य मौजूद थे. यह मामला उन लोगों तक भी पहुंच गया है. केंद्रीय नेतृत्व ने प्रदेश को तुरंत मामले को सलटा लेने का निर्देश दिया है. वैसे यह भी कहा जाता है कि कांग्रेस के दो नेताओं की लड़ाई से उत्पन्न संकट को देखते हुए कांग्रेस डैमेज कंट्रोल में जुट गई है. राहुल गांधी की टीम ने भी इस घटना को गंभीरता से लिया है. कहा जा रहा है कि अधीर रंजन चौधरी को धनबाद में ही रोक दिया गया है और उन्हें हर हाल में मामले को सलटा लेने का निर्देश दिया गया है. अब देखना है आगे -आगे होता है क्या ?कांग्रेस के नेताओं ने तो आत्मघाती कदम उठा ही लिया है. वैसे भी धनबाद विधानसभा से 2009 के बाद कांग्रेस जीती नहीं है. 2009 में कांग्रेस के मन्नान मल्लिक धनबाद विधानसभा सीट से चुनाव जीते थे. उसके बाद से कांग्रेस को जीत की प्रतीक्षा है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
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