धनबाद(DHANBAD): गिरिडीह लोकसभा क्षेत्र के दो विधानसभा क्षेत्र बेरमो और बाघमारा सीधे तौर पर धनबाद से कनेक्ट हो गया है. बेरमो तो गांडेय विधानसभा से भी सीधे तौर पर जुड़ गया है. आखिर जुड़े भी क्यों नहीं, पूर्व मुख़्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी गांडेय से उपचुनाव लड़ रही है तो बाघमारा के विधायक धनबाद से चुनाव लड़ रहे है, तो बेरमो विधायक की पत्नी धनबाद से लोकसभा का चुनाव लड़ रही है. इधर, झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेताओं के लिए गांडेय विधानसभा सीट प्रतिष्ठा मूलक बन गई है. इंटक में उलट फेर के बाद राष्ट्रीय कोयलारी मजदूर यूनियन के बेरमो के नेता धनबाद में डेरा डाले हुए विधायक अनूप सिंह की पत्नी के लिए धनबाद में चुनाव प्रचार कर रहे है.
बाघमारा विधायक ढुल्लू महतो तो खुद ही धनबाद लोकसभा से भाजपा के प्रत्याशी है. यह दोनों विधानसभा क्षेत्र गिरिडीह लोकसभा क्षेत्र में पड़ते है. गिरिडीह से इंडिया ब्लॉक की ओर से झारखंड मुक्ति मोर्चा विधायक मथुरा महतो चुनाव लड़ रहे हैं तो एनडीए की ओर से आजसू के टिकट पर निवर्तमान सांसद चंद्र प्रकाश चौधरी चुनाव लड़ रहे है. ऐसे में दोनों प्रत्याशियों के लिए बाघमारा और बेरमो विधानसभा क्षेत्र पर विशेष चौकसी बरती जा रही है. वैसे कहा तो यह भी जाता है कि झारखंड मुक्ति मोर्चा के किसी भी विधानसभा के क्षेत्र के नेताओं का मुख्य फोकस गिरिडीह का गांडेय विधानसभा क्षेत्र है, क्योंकि वहां से पूर्व मुख्यमंत्री की पत्नी कल्पना सोरेन विधानसभा का उपचुनाव लड़ रही है.
बाघमारा विधायक के धनबाद से चुनाव लड़ने की वजह से वहां के भाजपा के नेता और कार्यकर्ता धनबाद पर ही केंद्रित है. इस तरह बेरमो के कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता भी धनबाद को केंद्र बनाए हुए है. ऐसे में चंद्र प्रकाश चौधरी और मथुरा प्रसाद महतो दोनों के लिए बाघमारा और बेरमो विधानसभा क्षेत्र केंद्र में आ गए है. गिरिडीह और धनबाद लोकसभा क्षेत्र बिल्कुल सटे हुए है. ऐसे में धनबाद के प्रचार का असर गिरिडीह पर तो गिरिडीह का असर धनबाद पर पड़ सकता है. धनबाद में जैसा चुनाव माहौल बनेगा, उसका असर गिरिडीह में पड़ सकता है तो गिरिडीह में जो माहौल बनेगा उसका असर धनबाद पर पड़ेगा. कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि बेरमो और बाघमारा फिलहाल धनबाद सेंट्रिक हो गया है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
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