धनबाद(DHANBAD): 2019 की गठबंधन सरकार और 2024 की गठबंधन सरकार में अंतर दिखेगा. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन इस बार अभी से ही सख्त दिखने लगे है. जनता की उम्मीदों पर खरा उतरना सरकार के लिए चुनौती भी है. ताबड़तोड़ फैसले लिए जा रहे है. शुक्रवार को शपथ ग्रहण के बाद ही उन्होंने मंत्रियों को महत्वपूर्ण सुझाव दिए. शुक्रवार को उन्होंने कैबिनेट की बैठक के बाद कहा कि हमने 15- 16 बिंदु बनाए है. उसी के अनुरूप हम राज्य को बेहतर दिशा देने के लिए ब्लूप्रिंट तैयार करेंगे. सभी मंत्रीगण अपने-अपने विभागों की समीक्षा करना शुरू करेंगे. समीक्षा मुख्यालय से लेकर जिला कार्यालय तक होगी. पदाधिकारी की कार्य कुशलता और कार्य क्षमता की भी मंत्री समीक्षा करेंगे.
तैयारी यह है कि तय बिंदुओं के अनुसार सभी विभाग नई ऊर्जा के साथ काम करेंगे. मुख्यमंत्री ने मंत्रियों को आप्त सचिव और निजी कर्मचारी रखते समय उनकी पृष्ठभूमि को ध्यान में रखने का सुझाव दिया. कहा कि विवादित कर्मियों को मंत्री कार्यालय में जगह नहीं मिलनी चाहिए. उन्होंने यह भी सुझाव दिया है कि मंत्री अपने विधानसभा क्षेत्र से बाहर निकलकर जिलों का भ्रमण करे. लोगों से मिलकर वहां की समस्याओं के समाधान का प्रयास करे. स्थानीय जनप्रतिनिधियों से मिलने के लिए तिथि तय करे. साथ ही समय-समय पर मीडिया के माध्यम से विभाग की उपलब्धियां के बारे में जनता को जानकारी दे. झारखंड की जनता ने इस बार गठबंधन सरकार को प्रचंड बहुमत दिया है.
इस बहुमत का मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को एहसास है और वह समझ रहे हैं कि जनता जिस उत्साह से गठबंधन सरकार के पक्ष में मतदान किया है. उतनी ही गंभीरता से वह सरकार के कार्यों की भी समीक्षा करेगी. यह बात अलग है कि झारखंड गठन के बाद 2024 के चुनाव में झारखंड मुक्ति मोर्चा 34 सीट लाकर बड़ी उपलब्धि हासिल की है. इस उपलब्धि को आगे भी जारी रखने के लिए यह जरूरी है कि सरकार जनता की उम्मीदों पर खरा उतरे. अब तक की गड़बड़ियों से सीख लेते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पारदर्शी व्यवस्था की रूपरेखा खींची है. अब देखना दिलचस्प होगा कि इसमें वह कितना सफल हो पाते है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
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