धनबाद(DHANBAD): धनबाद में रहकर बिहार के सोन नदी से "सोना" निकालने वालों की परेशानी बढ़ती दिख रही है. प्रवर्तन निदेशालय ने बालू के अवैध खनन से जुड़े मामले में ब्रॉड संस कंपनी के खिलाफ दूसरी अनुपूरक चार्ज शीट दायर कर दी है. पटना के पीएमएलए के विशेष न्यायालय में सोमवार को यह चार्ज शीट दायर करने की सूचना धनबाद पहुंची है. इसमें कंपनी से जुड़े तीन प्रमुख लोग पुंज कुमार सिंह, अशोक कुमार गुप्ता और सुदामा कुमार को अभियुक्त बनाया गया है. पुंज कुमार सिंह धनबाद के रहने वाले है. बिहार में भी उनका कारोबार है. वह इस कंपनी के पूर्व निदेशक भी रह चुके है. जानकारी के अनुसार अशोक कुमार इस कंपनी के प्रबंध निदेशक थे. सुदामा कुमार कंपनी में कर्मचारी और अशोक कुमार का करीबी है. बालू के काले कारोबार में इन सभी की संलिप्तता पाई गई है.
प्रवर्तन निदेशालय ने पहली चार्ज शीट नवंबर 2023 में दायर की थी
इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने पहली चार्ज शीट नवंबर 2023 में दायर की थी. इसके बाद पहली अनुपूरक चार्ज शीट 2024 में दायर की गई. इनमें अब तक करीब एक दर्जन लोगों को नाम जद अभियुक्त बनाया जा चुका है. बता दे कि धनबाद में रहकर बिहार में बालू के कारोबार करने वालों के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय ने जब जांच शुरू की तो पहली बार धनबाद में ईडी का प्रवेश हुआ और ताबड़तोड़ छापेमारी की गई. धनबाद से लगभग आधा दर्ज़न लोगों को प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार किया. यह सभी लोग बालू कारोबार से जुड़े हुए थे. गिरफ्तारी के पहले पुंज सिंह को प्रवर्तन निदेशालय ने पूछताछ के लिए पटना कार्यालय में बुलाया था. लेकिन जांच में सहयोग नहीं करने और छापामारी में मिले पुख्ता दस्तावेज के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया.
प्रवर्तन निदेशालय ने 13 सितंबर'2023 को पहली गिरफ्तारी की थी
सूत्रों के अनुसार प्रवर्तन निदेशालय ने 13 सितंबर'2023 को एमएलसी राधा चरण सेठ को गिरफ्तार किया था. उसके बाद उनके बेटे कन्हैया प्रसाद की गिरफ्तारी हुई. फिर 16 सितंबर को धनबाद के बालू कारोबारी जगनारायण सिंह उर्फ जगन सिंह और उनके बेटे सतीश सिंह को ईडी ने गिरफ्तार किया. उसके बाद से ही कयास लगाए जा रहे थे कि धनबाद के कुछ और लोगों की गिरफ्तारी होगी. इसी बीच सूचना आई कि धनबाद के पुंज सिंह को भी गिरफ्तार कर लिया गया है. 5 जून को प्रवर्तन निदेशालय ने धनबाद सहित हजारीबाग, बंगाल में छापेमारी की थी.यह छापेमारी धनबाद में कम से कम आधा दर्जन ठिकानों पर की गई थी और दस्तावेज जब्त किए गए थे. यह घोटाला लगभग 250 करोड़ का है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
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