रांची(RANCHI): पतना के धर्मपूर स्थित आवास पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के साथ बंद कमरे में बैठक के बाद ही झारखंड की राजनीति में यह चर्चा आम है कि सीएम हेमंत ने भाजपा से संथाल राजनीति का एक और चेहरे को अपने पाले में कर लिया है.
यहां यह बता दें कि कभी वाम विचारों के पक्षधर हेमलाल मुर्मू ने पहली बार 1990 में बरहेट विधान सभा से झामुमो के टिकट पर सफलता पायी थी, उसके बाद 1995, 2000 और 2009 में भी हेमलाल बरहेट का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं. 2004 में वह राजमहल सीट से झामुमो के टिकट पर सासंद भी रहे है. कहा जा सकता है कि झामुमो उनका पुराना घर है और यदि वास्तव में हेमलाल मुर्मू की झामुमो में वापसी होती है तो इसे उनकी घर वापसी ही कही जायेगी.
सीएम हेमंत सोरेन के लिए हेमलाल मुर्मू अचानक से इतने महत्वपूर्ण कैसे हो गये
लेकिन बड़ा सवाल यह है कि सीएम हेमंत सोरेन के लिए हेमलाल मुर्मू अचानक से इतने महत्वपूर्ण कैसे हो गये? कहीं सीएम हेमंत हेमलाला मुर्मू को आगे कर संथाल की राजनीति में अपने जनाधार को एक और मजबूती देना तो नहीं चाहते, क्यों कि माना यह जाता है कि भाजपा जिस प्रकार उनके खिलाफ अवैध खनन का मामला उठा रही है. उसके कारण संथाल क्षेत्र में उनकी लोकप्रियता पर असर हुआ है, और वह उसकी क्षति पूर्ति हेमलाल मुर्मू के माध्यम से करना चाहते हैं.
हेमलाल के सिवा संथाल में भाजपा के पास नहीं है कोई दूसरा आदिवासी-मूलवासी चेहरा
दूसरी बात यह भी है कि झामुमो छोड़ने के बाद हेमलाल मुर्मू ने संथाल में एक जमीन तो भाजपा को दी ही है, भाजपा के पास संथला क्षेत्र में हेमलाल को छोड़कर कोई और दूसरा आदिवासी- मूलवासी चेहरा नहीं है, तो क्या हेमंत इस क्षेत्र में भाजपा को खाली हाथ करना चाहते है.
क्या यह पूरी उलटबाजी महज मीडिया कवायद है?
लेकिन हेमलाल मुर्मू के करीबियों का कहना है कि हेमलाल झामुमो के साथ नहीं जा सकते हैं, हेमलाल कई बार इस बाबत शपथ खा चुके हैं, उनका मानना है कि यह पूरी कवायद महज मीडिया का ध्यान अपनी ओर खींचने की कोशिश है, क्योंकि 2024 का महासमर सामने खड़ा है, और भाजपा में अभी फिलहाल हेमलाल की कोई पूछ नहीं है, कोई तव्वजो नहीं दी जा रही है, हेमलाल मुर्मू की कोशिश इस बहाने वरीय नेताओं का ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर बारगेंनिग की हो सकती है.
गोड्डा से बनाया जा सकता है झामुमो का उम्मीदवार
इस बीच यह खबर भी आ रही है कि सीएम हेमंत को अपने बयानों और ट्वीट से नाकोंदम करने वाले गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे का इलाज हैं, हेमलाल मुर्मू, झामुमो की कोशिश 2024 के महासमर में गोड्डा से हेमलाल मुर्मू को उतार निशिंकात दुबे को पैदल करने की है. माना जाता है कि इस लड़ाई में हेमलाल मुर्मू को प्रदीप यादव का साथ मिलेगा. यही वजह है कि हेमलाल मुर्मू पर सीएम हेमंत का दिल आ चुका है.
रिपोर्ट: देवेन्द्र कुमार
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