धनबाद(DHANBAD) : रांची में हुई छापेमारी की गूंज झारखंड के 24 जिलों तक पहुंच गई है. धनबाद में भी इसकी खूब चर्चा हो रही यही. चर्चा होनी भी थी. क्योंकि राज्य के अंचल कार्यालय में भ्रष्टाचार की शिकायत बहुत आम हो गई है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 23 दिसंबर की हुई बैठक में अंचल कार्यालयो में भ्रष्टाचार का जिक्र किया था. कार्रवाई के लिए अधिकारियों को कहा था. उसके बाद गुरुवार को एसीबी की टीम ने रांची के सीओ को घूस लेते गिरफ्तार कर लिया. यह एक बड़ी कार्रवाई मानी जाती है.
इस छापेमारी में पकड़े गए है बड़े अधिकारी
दरअसल, एसीबी की टीम अभी तक छोटे पदाधिकारी, प्रधान लिपिक या लिपिक पद पर कार्यरत लोगों को घूस लेते गिरफ्तार करती थी. दारोगा और इंस्पेक्टर को पकड़ा जाता था. लेकिन इस बार अंचल अधिकारी ही घूस लेते पकड़े गए है. स्वाभाविक है इसकी चर्चा होनी थी, चर्चा हो भी रही है. इसके साथ ही झारखंड के सभी जिलों के अंचल कार्यालय में व्यवस्था बदलने की तैयारी चल रही है. अगर यह तैयारी परिणाम में बदलनी शुरू हुई तो झारखंड के लोगों को बड़ी राहत मिल सकती है. अगर भ्रष्टाचार के खिलाफ एसीबी की कार्रवाई इसी तरह जारी रही, तो कई मामले और पकड़ में आ सकते है.
धनबाद में लेखागार के प्रधान लिपिक घूस लेते गिरफ्तार हुए थे
धनबाद एसीबी ने लेखागार के प्रधान लिपिक को घूस लेते अभी एक सप्ताह पहले ही गिरफ्तार किया था. उनका सहयोगी भी पकड़ा गया था. यह मामला इसलिए भी थोड़ा आश्चर्यजनक था कि इसी पद के प्रधान लिपिक को पहले भी एसीबी ने गिरफ्तार किया था और उसके बाद जो उनके स्थान पर आए, वह भी घूसखोरी के आरोप में अरेस्ट किए गए. झारखंड में चौथी बार हेमंत सोरेन की सरकार के शपथ ग्रहण के बाद घूसखोरी के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई हुई है. इस कार्रवाई का असर नीचे तक जाएगा. इसमें कोई संदेह नहीं है. एसीबी की टीम ने अंचल अधिकारी को रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया है. गिरफ्तारी के बाद उनके आवास से लगभग 11. 50 लाख रुपए बरामद किए गए है. जो भी हो लेकिन इस कार्रवाई के बाद अब तैयारी है कि अंचल कार्यालय की व्यवस्था में बदलाव किया जाए. भ्रष्टाचार को खत्म किया जाए. देखना होगा कि आगे क्या-क्या और कैसे-कैसे नए इंतजाम किए जाते है. गिरफ्तार सीओ के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मुकदमा भी चल सकता है.
आय से अधिक सम्पति का भी चल सकता है केस
बताया गया है कि सीओ और उनके परिवार द्वारा अर्जित संपत्ति की जांच होगी और अगर यह पाया जाता है कि आय से अधिक संपत्ति अर्जित की है, तो उनके खिलाफ सरकार से अनुमति लेकर अलग से आय से अधिक संपत्ति का केस दर्ज किया जाएगा. यह भी निर्णय हुआ है कि राज्य के सभी अंचल कार्यालय के बाहर अब एसीबी के मोबाइल नंबर लगाए जाएंगे. अगर आम लोगों से किसी कर्मी या अधिकारी द्वारा किसी काम के लिए रिश्वत की मांग की जाती है, तो आम लोग उक्त नंबर पर इसकी शिकायत एसीबी से कर सकते है. यह भी बताया जाता है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 23 दिसंबर को ही बैठक में अधिकारियों से कहा था कि भ्रष्टाचार खिलाफ सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति रहेगी. उन्होंने यह भी कहा था कि भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने अंचल कार्यालय का विशेष तौर पर उल्लेख किया था.
रिपोर्ट-धनबाद ब्यूरो
4+