रांची(RANCHI): झारखंड विधानसभा से 1932 आधारित स्थानीयता विधेयक पास कर दिया गया. इस दौरान सीएम हेमंत सोरेन ने 11 नवंबर के दिन को एतिहासिक बताया. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने 11 नवम्बर 2022 को 1932 आधारित स्थानीयता और ओबीसी आरक्षण राज्य की जनता को देने का काम किया. 1932 आधारित स्थानीयता और ओबीसी आरक्षण ये सब विषय राज्य की आत्मा रहा है. गुरुजी के लंबे संघर्ष के बाद 2000 में हमें राज्य मिला, लेकिन दुर्भाग्य की बात रही कि राज्य गठन के बाद इसकी बागडोर ऐसे लोगों के हाथ मे चली गयी जिन्होंने राज्य का तहस-नहस कर दिया.
सीएम ने कहा कि इस राज्य के जनमानस के साथ अत्याचार हुआ है. चाहे वह अनुबंध कर्मी हो या किसान अल्पसंख्यक, दलित, आदिवासी सबो को प्रताड़ित किया गया. पूर्व में अपनी मांगों को लेकर लोग मंत्री और मुख्यमंत्री का घेराव करते थे, लेकिन अब फूल माला लेकर मंत्री के पास पहुंचते हैं.
राज्य में खुशी का माहौल: सीएम
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में उत्साह और खुशी का माहौल है. विपक्ष अनेक ऐजेंसी के द्वारा सरकार को अस्थिर करने में लगी है. आज का निर्णय राज्य के राजनीतिक दल और जन मानस, मूलवासी आदिवासी और बाहर से आये हुए लोगों के लिए महत्वपूर्ण दिन है. हर राज्य में राज्यवासी को अधिकार देने के लिए कानून बनते हैं. साथ ही सरकार प्रवासी के लिए भी संरक्षण का काम करती है. सरकार बनने के बाद हम ठीक से 1 साल ही काम कर सके हैं. दो वर्ष कोरोना में चला गया.
“अब इसे लागू करने की जिम्मेवारी केंद्र की”
सीएम हेमंत ने कहा कि हमारी सरकार ने मजबूती के साथ विपक्ष के हर चुनौती का सामना किया है. विधायकों को दिग्भ्रमित किया गया. खरीद-फरोख्त की गई. भाजपा सरकार गिराने में लगी है. हम डट कर सामना करेंगे. राज्य के ज्वलन्त विषय पर सरकार ने पूरा निर्णय ले लिया है. संवैधानिक प्रक्रिया के हिसाब से हमने इन विधेयकों को पास किया है और केंद्र के पास भेजने का काम किया है और इसे 9वीं अनुसुचि में भेजने का काम किया है. अब उनकी जिम्मेवारी है कि इसे 9वीं अनुसूची में शामिल करें. गुरुजी राज्य की लड़ाई में 9 बार जेल गए. हमे किसी से डर नही है. हमारी राजनीति जितनी खराब करने की कोशिश की जाएगी, हम उतना मजबूत हो जायेंगे.
रिपोर्ट: रंजना कुमारी, रांची
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