टीएनपी डेस्क (Tnp desk):- हुकूमतें आती है और जाती है यही इस सत्ता का मिजाज होता है . इसका स्वाद हर कोई लेना चाहता है . इसी का रस लेने के लिए सत्ता के दलाल भी पनप ही जाते हैं. देखा जाए तो इसी के खातिर ही दांय-बांए होने लगता हें. और फिर गोलमाल, घपले और घोटाले की बात उजागर होकर सामने आने लगती है. भुईहरी जमीन घोटाले में पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की कुर्सी चली गई, अभी रात और दिन हर रोज अपनी बेगुनाही का इम्तहान दे रहे हैं. साथ ही एक से एक राज खुल रहें हैं और एक से एक नये-नये नाम उनके करीबियों के जुड़ते जा रहे हैं. यानि तमाम रंग से आम आवाम रूबरु हो रहें हैं.
बिनोद सिंह के बाद रमेश और हिलिरियस का नाम
आर्किटेक्ट बिनोद सिंह के यहां ईडी रेड मारा और समन करके पूछताछ शुरु हुई, तो कई राज उनके व्हाटसेप से खुले . 539 और 201 पेज के चेट में कई बाते सामने आई, जिसमे ट्रांसफर पोस्टिंग से लेकर जेएसएससी सीजीएल एग्जाम में छात्रों के एडमिट कार्ड का भी जिक्र था. और तो और जिस भुईहरी जमीन के चलते हेमंत अभी बंद है, इसी जमीन पर आलीशान बैंक्वेट हॉल बनाने की बात सामने आयी. पीएमएलए कोर्ट में ईडी ने कहा कि बरियातू बैंक्वेट हॉल के प्रस्तावित नक्श को आर्किटेक्ट विनोद सिंह ने छह अपैल 2021 को हेमंत सोरेन को व्हाट्सएप पर भेजा था. हालांकि, ईडी ने जब पूछा था तो इस पर हेमंत ने इस पर कोई जवाब नहीं दिया था. जिसके बाद जांच एजेंसी ने अदालत में कहा कि हेमंत जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं.
रिमांड में चल रहे हेमंत से सवाल-जवाब तो कर ही रही है और जो भी सुराग मिल रहा है, उनके करीबियों के यहां रेड भी कर रही है. यानि परत दर परत सत्ता के दलालों की कुंडली खंगाली जा रही है. इसकी कड़ी में ही ईडी ने जमीन घोटाले में ही करीबी बिनोद सिंह के साथ-साथ जमीन कारोबारी कोकर अयोध्यापुरी के रहने वाले रमेश गोप और बरियातू इलाके में रहने वाले हेलिरियस कच्छप के यहां छापेमारी की . तीनों के यहां एक साथ जांच एजेंसी न रेड डाला. प्रवर्तन निदेशालय ने रमेश गोप और हेलिरियस कच्छप के यहां से मोबाइल फोन , डिजिटल डिवाइस भी जब्त किए. इसके साथ ही . दोनों के यहां से जमीन में निवेश संबंधी कई दस्तावेज और जमीन से जुड़े कई कागजात भी साथ ले गयी.
समय-समय पर ईडी लगातार कर रही रेड
रमेश और हिलिरयस के यहां ईडी ने सात घंटे तक रही, अब लगता है कि समन करके दोनों को जांच एजेंसी के दफ्तर बुलाया जाएगा और पूछताछ की जाएगी. ईडी ने दोनों कारोबारियों को अपनी और अपनी आश्रितों की चल-अंचल संपत्ति की जानकारी सौंपने के लिए भी बोला है.
रमेश गोप के बारे में एंजेंसियों को जो जानकारी मिली है. उसमें उनका कनेक्शन बड़गाई अंचल के पूर्व राजस्व उप निरीक्षक भानु प्रताप प्रसाद से भी रहा है. बताया जा रहा है कि बड़गाई की जमीन कब्जाने में भी रमेश गोप का कहीं न कही कोई किरदार था. रांची में भानु के संपर्क में कई अन्य जमीनों पर भी रमेश ने काम किया है. खैर आगे जांच के बाद ही असल सच्चाई सामने आयेगी.
बताया जा रहा है कि हिलिरियस कच्छप का नाम ईडी की जांच और छानबीन में सामने आया है. आरोप है कि बड़गाईं अंचल के बरियातू में जिस 8.5 एकड़ विवादित जमीन को मामले में पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी हुई है, उसकी चारदीवारी कराने का आरोप हिलेरियस कच्छप पर है. यहां सवाल है कि क्या तत्कालीन हेमंत सरकार में सत्ता के करीबियों ने हुकूमत का साथ मिलकर वारे-न्यारे किए . क्या खूब मलाई खायी और क्या खूब दौलत बटोरी .
आगे और कितने नाम ?
अभी तो जांच चल ही रही है. लेकिन, हर दिन जो नये-नये नाम जुड़ते जा रहे हैं. इससे तो कहीं न कही कुछ सुगबुगाट और कुछ गड़बड़ की आहट तो महसूस होती है. जमीन घोटाले मामले में 15 लोग सलाखों के पीछे चले गये . जिसमे रांची के पूर्व डीसी छविरंजन भी शामिल है. अब इसी जमीन घोटाले में ईडी की रेड समय-समय पर लगातार पड़ रही है. जिसमे कई किरदार सामने आ रहें है, जो सत्ता के साथ मिलकर स्वाद लेने से शायद नहीं हिचके, इस बहती गंगा में हाथ धोयी या फिर मैली की .
खैर, आगे क्या होता और किन-किन लोगों के नाम और आगे जुड़ते हैं. इस पर सभी की नजर बनीं रहेगी. देखना ये भी दिलचस्प होगा कि आखिर तत्कालीन सीएम हेमंत सोरेन पर जमीन घोटाले की जो काली तोहमत लगी है. उससे कैसे बेदाग बाहर निकलते हैं. क्योंकि भरी विधानसभा में उन्होंने अपने संबोधन में चुनौती दिया था , कि अगर आरोप साबित हो गये तो इस राजनीति को ही छोड़ दूंगा.
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