रांची (RANCHI) : झारखंड सरकार के चर्चित अभियंता वीरेंद्र राम को ईडी ने आज यानि गुरूवार को ईडी के विशेष कोर्ट में पेश किया था. कोर्ट में ईडी ने वीरेंद्र राम से पूछताछ के लिए 10 दिनों की रिमांड मांगी थी. जिसके लिए फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने वीरेंद्र राम को पांच दिनों की ईडी रिमांड की अनुमति दे दी है. अब ईडी वीरेंद्र राम से आय से अधिक संपत्ति और धन शोधन के मामले में सघन पूछताछ करेगी. ऐसे में अब राज्य के तमाम अधिकारी और ब्यूरोक्रेट्स के बीच हड़कंप मच गया है. वे ईडी की कार्रवाई और जांच के पल पल की खबर रख रहे हैं. परिस्थिति को देख यह कहना गलत नहीं होगा कि आने वाले दिनों में कई नेता और अधिकारियों को ईडी का बुलावा आ सकता है.
बुधवार को हुए गिरफ्तार
विकास विशेष प्रमंडल के मुख्य अभियंता वीरेंद्र राम के देश भर में कुल 24 ठिकानों पर लगातार दो दिनों की छापेमारी और करीब 30 घंटों की सघन पूछताछ के बाद ईडी ने बुधवार को उन्हें गिरफ्तार किया था. इसके बाद से ही ब्यूरोक्रेट्स में सनसनी मची हुई थी. वीरेंद्र राम की गिरफ्तारी के बाद गुरूवार उन्हें मेडिकल जांच के लिए सदर अस्पताल लाया गया, जहां उनका कोरोना जांच भी किया गया. इसके बाद ईडी के अधिकारी उन्हें लेकर ईडी दफ्तर पहुंचे. जानकारी के अनुसार गुरूवार दोपहर दो बजे उन्हें ईडी के स्पेशल कोर्ट में पेश किया गया. वहीं सूत्रों की माने तो कोर्ट में ईडी उन्हें 10 दिनों के रिमांड पर लेने की मांग रखी थी. ताकि मामले को लेकर आगे की पूछताछ जारी रह सके.
कैसे आया भ्रष्टाचार के मामले में नाम
दरअसल, जमशेदपुर के एक ठेकेदार विकास कुमार शर्मा की शिकायत पर झारखंड पुलिस की भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने ग्रामीण विकास विभाग में कार्यरत एक जुनियर अभियंता सुरेश कुमार वर्मा को जमशेदपुर स्थित आवास 10 हजार रुपये रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार कर लिया था, जिसके बाद 16 नवंबर 2019 में सुरेश प्रसाद वर्मा के आवास पर छापा मारी की गयी थी, इस छापेमारी में एसीबी की टीम को करीबन 2.44 करोड़ रुपये हाथ लगे थें. बाद में सुरेश कुमार वर्मा ने यह दावा किया था कि यह सारे पैसे अभियंता वीरेंद्र कुमार राम के हैं. इसके बाद ही इस मामले की जांच मनी लांड्रिंग अधिनियम के तहत शुरु कर दी गयी.
रिपोर्ट: समीर हुसैन, रांची
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