गुमला(GUMLA):गुमला जिले के सिसई प्रखंड क्षेत्र के प्रखंड सह अंचल कार्यालय के पास नेशनल हाईवे में 33 यूकोलिप्टस के जिंदा पेड़ को लकड़ी माफियाओं के द्वारा काट दिया गया. इन पेड़ों को काटने के लिए प्रखंड कार्यालय के पास स्थित मंदिर का बाउंड्री भी तोड़ दिया गया. इस घटना से हिंदू समाज के लोग काफी आक्रोशित हो गए और मंदिर के पास नेशनल हाईवे में धरने पर बैठ कर लकड़ी माफियाओं के ऊपर कार्रवाई की मांग करने लगे.
ये है पूरा मामला
अचानक इतने सारे विशाल पेड़ों को काटे जाने से ग्रामीण सवाल खड़े कर रहे हैं. इस बारे में अंचलाधिकारी से बात करने पर उन्होंने बताया कि कई ग्रामीणों के द्वारा पेड़ को हटाए जाने के मांग की गई थी. जिसके आधार पर डीएफओ गुमला को पत्र लिखा गया था और 39 पेड़ काटने की अनुमति मांगी गई थी. लेकिन डीएफओ गुमला के द्वारा वनकर्मियों द्वारा जांच किए गए चिन्हित आठ पेड़ को काटने का परमिशन दिया गया. साथ ही साथ बदले में नए पेड़ भी लगाए जाने थे. जिसके बाद अंचल कार्यालय के द्वारा डाककर शाहबाज अंसारी उर्फ राजा को 2 लाख रुपए में आठ पेड़ काटने की अनुमति दी गई. वनपाल और वनरक्षक की उपस्थिति में काटने का परमिशन दिया गया था. लेकिन चिन्हित पेड़ों के स्थान पर सड़क के किनारे एक ओर से 33 पेड़ काट लिए गए. जिस क्रम में प्रखंड सह अंचल कार्यालय के पास स्थित शिव मंदिर का बाउंड्री वॉल को भी तोड़ा गया. इस बारे में आजसू पार्टी के प्रखंड अध्यक्ष श्रीकांत गिरी ने कहा कि प्रशासन के द्वारा बिना प्रचार प्रसार के डाक करके,औने-पौने दाम में करोड़ों रुपए बाजार मूल्य के विशाल पेड़ों को बेच दिया गया,जो की पूरी तरह से प्रशासन के मिली भगत को दर्शाता है और डाक की प्रक्रिया भी गोपनीय तरीके से बिना किसी सूचना के की गई.
पक्षियों का छिन गया आशियाना
उन्होंने बताया कि इन पेड़ों में गरुड़, करंजवा और सराईल जैसे लुप्तप्राय पक्षियां भी निवास करते थे, जिनका आशियाना छिन गया. उन्होंने इसमें संयुक्त पदाधिकारी की सेवा समाप्त करने की भी मांग की. वहीं वनपाल और वनरक्षी से जब दूरभाष में इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि पेड़ काटते समय उन्हें किसी तरह की जानकारी नहीं दी गई और उनके अनुपस्थिति में ही पेड़ काट दिया गया. वहीं भाजपा नेता लक्ष्मी यादव ने कहा कि वे लोग मांग करते हैं कि जल्द से जल्द बाउंड्री को ठीक कर दिया जाए और दोषियों पर कार्रवाई हो. हिंदू संगठन के नेता संजय वर्मा ने कहा कि अगर इस पर कार्रवाई नहीं हुई तो सिसई को बंद रखा जाएगा .
अधिकारियों ने ग्रामीणों की समझाया
घटना के बारे में जानकारी मिलते ही एसडीएम गुमला राजीव नीरज और एसडीपीओ गुमला सुरेश प्रसाद यादव पहुंचे और लोगों को समझाया बूझकर जाम हटवाया. मंदिर के बाउंड्री का जोड़ाई करवाया गया. एसडीएम ने बताया कि मामले की जांच करके संलिप्त लोगों के ऊपर कार्रवाई की जाएगी.
रिपोर्ट सुशील कुमार सिंह
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