रांची (RANCHI) : उत्तराखंड के सिल्कयारा सुरंग हादसे में फंसे मजदूरों को लेकर देशभर में चिंता थी. उन्हें सुरक्षित निकाल लिया गया. 17 दिनों तक सुरंग के अंदर फंसे होने की वजह से उनके प्रति पूरे देश में चिंता थी. इन 41 मजदूरों में झारखंड के भी 15 मजदूर शामिल थे. इन्हें शुक्रवार की रात दिल्ली से लाया गया. रांची के बिरसा मुंडा एयरपोर्ट पर उनके स्वागत के लिए लोग बड़ी संख्या में पहुंचे.
जानिए क्या हुआ एयरपोर्ट पर
रांची के एयरपोर्ट पर स्वागत के लिए राज्य सरकार की ओर से श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता पहुंचे थे. इसके अलावा कांग्रेस के भी कुछ नेता वहां पहुंचे. झारखंड मुक्ति मोर्चा की सांसद महुआ माजी भी एयरपोर्ट पहुंची. लेकिन बड़ी संख्या में भारतीय जनता पार्टी के प्रमुख नेता एयरपोर्ट पहुंच गए. भारतीय जनता पार्टी के रांची महानगर की इकाई और युवा मोर्चा के दर्जनों नेता रांची एयरपोर्ट पहुंचे. बीजेपी के नेता में राज्यसभा सांसद दीपक प्रकाश, आदित्य साहू रांची के सांसद संजय सेठ, हटिया के विधायक नवीन जायसवाल के अलावा दर्जनों कार्यकर्ता थे. प्रमुख नेता एयरपोर्ट के अंदर गए और वहां मजदूरों का स्वागत किया. इस स्वागत कार्य को देखकर यह लगा कि भाजपा के नेता हावी रहे, जबकि सारा इंतजाम यहां पर राज्य सरकार का था. कांग्रेसियों को यह अच्छा नहीं लगा. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि स्वागत करना अच्छी बात है. सभी लोग सुरंग में फंसे मजदूरों के स्वागत के लिए यहां इकट्ठा हुए थे लेकिन 'मोदी है तो मुमकिन है' जैसे नारे लगाकर राजनीति होने लगी जो ठीक बात नहीं है.
स्वागत कार्य में भाजपा के नेताओं की रणनीति रही कामयाब
ढोल बाजे के साथ भाजपा के नेता और कार्यकर्ता एयरपोर्ट पहुंचे और माहौल को अपने पक्ष में करने का प्रयास किया. एयरपोर्ट के अंदर जब मजदूरों का स्वागत किया जा रहा था उस समय भी दीपक प्रकाश, आदित्य साहू, संजय सेठ जैसे नेता थे. सभी ने इस स्वागत कार्यक्रम को एक तरह से अपने पक्ष में कर लिया. दीपक प्रकाश ने कहा कि आज देश ने यह देखा है कि किस प्रकार से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सुरंग में फंसे मजदूरों को सुरक्षित निकालने के लिए चिंतित रहे. उत्तराखंड की सरकार ने विभिन्न एजेंसियों के सहयोग से सफलतापूर्वक या काम किया. इसमें किसी और का नहीं बल्कि भारत की केंद्र सरकार और उत्तराखंड सरकार का योगदान रहा है. इसलिए मजदूर का स्वागत उन लोगों ने दिल से किया है. विरोधियों ने तो मनोबल गिराने का काम किया था.
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