सीयूजे में दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार आयोजित, कुलपति ने कहा- विकसित भारत के लिए जरूरी है स्वच्छ वातावरण

रांची(RANCHI): सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ झारखंड (CUJ) के पर्यावरण विज्ञान विभाग द्वारा दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार "क्लीन एनवायरमेंट इनविजनड टुवर्ड्स विकसित भारत" का आयोजन किया गया है. इस सेमीनार के उद्घाटन के दौरान सीयूजे के कुलपति प्रो. क्षिति भूषण दास ने कहा कि, ‘स्वच्छ वातावरण जरूरी है एक सही मायने में विकसित भारत के लिए और इसके लिए सीयूजे कटिबद्ध है.’ कुलपति ने आगे कहा कि सीयूजे में पर्यावरण, भूविज्ञान, भूगोल शास्त्र, एनर्जी इंजीनियरिंग और कई विशेषज्ञ विभाग हैं, जो झारखंड और देश के समग्र विकास में योगदान दे रहे हैं. साथ ही पर्यावरण जैसे जटिल मुद्दे पर भी सही समाधान दे सकते हैं.
सेमिनार में मुख्य अतिथि के तौर पर कोल इंडिया लिमिटेड के चेयरमैन, पी.एम. प्रसाद भी मौजूद थे. इस दौरान पी.एम. प्रसाद ने कोल इंडिया के पर्यावरण के प्रति सजगता और कटिबद्धता को दोहराया. उन्होंने कोल इंडिया के विभिन्न कार्यक्रमों की जानकारी दी और कहा कि इंडस्ट्री-एकेडमिया और सभी को जोड़कर एक समग्र योगदान से ही पर्यावरण जैसे जटिल मुद्दे का समाधान हो सकता है.
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि पूर्व भारतीय वन सेवा अधिकारी (IFoS) अजय कुमार रस्तोगी, चेयरमैन टास्क फोर्स - सस्टेनेबल जस्ट ट्रांजिशन एंड ग्रीन हाइड्रोजन मिशन, झारखंड सरकार, ने पर्यावरण के संबंध में झारखंड राज्य की अच्छाई और चुनौतियों पर अपने विचार रखे. उन्होंने कहा कि लगातार बढ़ रही गर्मी से देश के जीडीपी का बहुत बड़ा नुकसान होता है. जलवायु परिवर्तन के संबंध में अभी के युवाओं और हम सभी को एक ठोस कदम उठाने चाहिए.
वहीं, विशिष्ट अतिथि के तौर पर कार्यक्रम में शामिल हुए प्रो. यू सी मोहंती, शांति स्वरूप भटनागर सम्मान से सम्मानित, डिस्टिंग्विश्ड प्रोफेसर, शिक्षा और अनुसंधान विश्वविद्यालय, ओडिशा ने भी अपने विचार रखे. उन्होंने सौर, वायु और अन्य प्राकृतिक ऊर्जाओं के इस्तेमाल पर बल दिया और इन्हें स्वर्ग के ऊर्जा श्रोत की संज्ञा दी.
प्रो. मनोज कुमार, संकायाध्यक्ष, प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन संकाय ने उद्घाटन में सबका स्वागत किया और सेमिनार की रूपरेखा पर अपने विचार रखे. कार्यक्रम के संयोजक डॉ. भास्कर सिंह, विभागाध्यक्ष, पर्यावरण विभाग ने सेमिनार की महत्ता पर ज़ोर दिया. वहीं, धन्यवाद ज्ञापन डॉ. अनुराग लिंडा ने दिया और कार्यक्रम का समन्वयन डॉ. निर्मली बोरदोलोई ने किया. कार्यक्रम में प्रो. ए.सी पांडे, प्रो. के.बी पांडा, प्रो. आरके दे, बीबी मिश्रा और डॉ. सुशील कुमार शुक्ला मौजूद थे.
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