धनबाद(DHANBAD): ईसीएल की राजमहल परियोजना में विस्थापित को जमीन का मुआवजा भुगतान करने एवज में रिश्वत लेते गिरफ्तार अधिकारियों की परेशानी और बढ़ सकती है. उनकी संपत्ति की सीबीआई जांच -पड़ताल कर रही है. परियोजना के मैनेजर परमेश्वर यादव, डिप्टी मैनेजर विपिन कुमार असिस्टेंट रेवेन्यू इंस्पेक्टर पवन महतो रिश्वत लेते गिरफ्तार किए गए थे. 20 मई को सीबीआई ने छापेमारी कर तीनों अधिकारियों के ठिकाने से भारी मात्रा में नगद के साथ-साथ जमीन और निवेश से संबंधित कई कागजात बरामद किए थे. तीनों अधिकारियों से उनकी संपत्ति के बारे में पूछताछ की गई है. हीजुकिता पुनर्वास के लिए मिलने वाली राशि का का पूरा गुणा -गणित सीबीआई अधिकारियों से पूछ रही है. सीबीआई को शक है कि मुआवजा भुगतान के अन्य मामलों में भी कुछ ना कुछ खेल हुआ है. तीनों अधिकारी 25-25 हज़ार रिश्वत लेते पकड़े गए थे.
इन अधिकारियों के खिलाफ हैदर अंसारी ने राशि विमुक्त करने के लिए घूस मांगने की शिकायत की थी. हैदर अंसारी की शिकायत पर धनबाद सीबीआई में संबंधित अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी. हैदर ने सीबीआई को की गई शिकायत में कहा था कि राजमहल परियोजना के लिए अधिग्रहीत जमीन में उनका घर भी शामिल है. उनके घर के मुआवजा के रूप में 12 लाख रुपए स्वीकृत किए गए हैं ,लेकिन मुआवजा की रकम विमुक्त करने के लिए परियोजना के चीफ मैनेजर सहित अन्य अधिकारी घूस मांग रहे है. जांच में सीबीआई ने हैदर की शिकायत को सही पाया, फिर पीड़ित पक्ष और ईसीएल अधिकारियों के बीच हुई बातचीत के बाद पहली किस्त के रूप में 75,000 देने की बात तय हुई. फिर उनकी सीबीआई द्वारा गिरफ्तारी कर ली गई.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
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