धनबाद (DHANBAD)| चिरकुंडा से लेकर बोकारो तक धनबाद संसदीय क्षेत्र फैला हुआ है. लेकिन सांसद के सभी कार्यक्रम झरिया विधानसभा क्षेत्र में ही होते हैं, ऐसा क्यों. इसका उत्तर ढूंढने के लिए धनबाद जिला के कई विधायक लगे हुए है. कानाफूसी भी शुरू हो गई है. सब अपने-अपने ढंग से इसका माने -मतलब निकाल रहे है. सांसद खेल महोत्सव भी झरिया विधानसभा क्षेत्र में हुआ तो उस समय कहा गया कि खेल महोत्सव किसी स्टेडियम में ही होना था ,सो हुआ. उसके बाद बुजुर्ग भाजपा नेताओं के सम्मान की बात आई तो यह भी झरिया विधानसभा में ही हुआ. अभी 2 दिन पहले भाजपा के महा जनसम्पर्क अभियान के तहत जो सभा हुई, वह भी झरिया विधानसभा क्षेत्र में ही हुई.
झरिया अभी कांग्रेस के पास है
हो सकता है कि झरिया विधानसभा क्षेत्र अभी कांग्रेस के कब्जे में है, इसलिए भी भाजपा के लोग झरिया पर विशेष ध्यान केंद्रित किए हो. लेकिन भाजपा के लोग दबी जुबान से ही सही , इस तर्क को स्वीकार नहीं करते. इसके पीछे दूसरे कारण बताते है. महा जनसंपर्क अभियान के तहत झरिया में जो सभा हुई, उसमें झारखंड के प्रथम मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी भी मौजूद थे. धनबाद, बोकारो के विधायक भी शामिल थे. विधायक और नेता भी इस सभा में अपनी ताकत का इजहार किया. केके ग्रुप के मालिक के बेटे ने भाजपा भी ज्वाइन की. एक समय तो ऐसा आया जब विधायक राज सिन्हा और भाजपा नेत्री रागिनी सिंह के समर्थक नारेबाजी के क्रम में आमने-सामने हो गए. दोनों ओर से अपने -अपने नेताओं के पक्ष में नारे लगाए जाने लगे. माहौल कुछ देर के लिए थोड़ा अजीब हो गया.
आमने -सामने हुए नेताओ के समर्थक
कार्यकर्ता तब शांत हुए, जब नेताओं को यह कहना पड़ा कि अगर आप लोग यही करेंगे तो हम लोगों को मंच से उतर जाना होगा ,तब जाकर कार्यकर्ता थोड़ा शांत हुए. वैसे प्रत्यक्षदर्शी बताते हैं कि जो भी नेता चुनाव की दावेदारी करने को इच्छुक है, अपने समर्थकों के साथ पहुंचे थे. पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी सहित अन्य नेता भी केंद्र सरकार की उपलब्धियों का गुणगान किये. सांसद पशुपतिनाथ सिंह ने आगंतुकों का स्वागत किया लेकिन इस बात का जरूर ख्याल रखा कि कोई छूटे नहीं. सभी के पद के अनुसार पार्टी में उनके "वजन" को भी बताया जाए. मतलब समर्थकों को खुश करने के लिए सांसद ने बहुत ही बारीकी से यह काम किया. भाजपा में जो अंदर खाने चर्चा चल रही है, उसके अनुसार झरिया में कार्यक्रम कराने के पीछे उद्देश्य कई हो सकते है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
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