TNP SPECIAL: झारखंड की "डोर" पकड़ भाजपा कैसे कर रही बिहार चुनाव की तैयारी, पढ़िए इस ख़ास रिपोर्ट में !

धनबाद (DHANBAD) : झारखंड में करारी हार के बाद भाजपा बिहार को किसी कीमत पर खोना नहीं चाहती. यह अलग बात है कि बिहार में चुनाव इस साल के अंतिम महीने में संभावित है, लेकिन तैयारी तेज कर दी गई है. झारखंड में बिहार महोत्सव के नाम पर बिहार बेस्ड झारखंड के नेताओं को किसी न किसी रूप में साधने की कोशिश में भाजपा जुटी हुई है. यह अलग बात है कि इसका लाभ भाजपा को कितना मिलेगा, यह तो भविष्य के गर्भ में है. लेकिन भाजपा झारखंड के रहने वाले बिहारियों को लुभा रही है. बिहार दिवस के बहाने पार्टी बिहारियों में पैठ बनाने की कोशिश कर रही है. सूत्रों के अनुसार बिहार पृष्ठभूमि के बड़े लोगों के नाम और नंबर की सूची तैयार की जा रही है. जरूरत के हिसाब से इन्हें बिहार के चुनाव में लगाया जा सकता है. धनबाद में भाजपा के एक सूत्र ने बताया कि इसके लिए पार्टी स्तर पर कई इंस्ट्रक्शंस दिए गए है.
धनबाद में 29 मार्च को भाजपा की ओर से बिहार दिवस कार्यक्रम प्रस्तावित है
धनबाद में 29 मार्च को भाजपा की ओर से बिहार दिवस कार्यक्रम प्रस्तावित है. इस कार्यक्रम में कई बिहारी को सम्मानित करने की भी योजना है. बात सिर्फ इतनी नहीं है, झारखंड के बिहारी बहुल इलाकों में बिहार दिवस मनाने की भाजपा ने योजना बना रखी है. झारखंड में धनबाद, रांची और जमशेदपुर में अच्छी खासी संख्या है. वैसे, तो बिहार दिवस का कार्यक्रम पहले भी किया जाता था. लेकिन इस बार तैयारी की रूपरेखा कुछ अलग है. बिहार, झारखंड सीमावर्ती इलाकों में भी जिला अध्यक्षों को प्रभावी कार्यक्रम करने के निर्देश है. धनबाद में तो बिहारियों की अच्छी आबादी है. धनबाद में भी बिहारी पृष्ठभूमि के लोगों की लिस्ट तैयार की जा रही है. इस लिस्ट में वैसे लोगों का नाम शामिल किया जा रहा है, जो रहते हैं झारखंड में, लेकिन बिहार में भी अपने-अपने क्षेत्र में प्रभाव रखते है. झारखंड में रहते हुए बिहार के अपने पैतृक स्थान से लगातार संपर्क में है. धनबाद के कार्यक्रम में भाजपा के सांसद, विधायक, पूर्व सांसद, पूर्व विधायक सहित अन्य शामिल होंगे.
बिहार के नेता रहेंगे मुख्य अतिथि,सांसद ,पूर्व सांसद भी रहेंगे
मुख्य अतिथि के रूप में बिहार से भाजपा के पूर्व सांसद सुशील सिंह मौजूद रहेंगे. यह बात तो सभी जानते हैं कि बिहार से अलग होकर झारखंड राज्य बना. झारखंड के लगभग सभी जिलों में बड़ी संख्या में बिहारी रहते है. इनका सामाजिक और सांस्कृतिक प्रभाव भी है. कार्यक्रमों में भोजपुरी, मैथिली आदि से संबंधित सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होंगे. झारखंड में अगर बात की जाए तो साहिबगंज, गोड्डा, देवघर आदि से लेकर गिरिडीह, कोडरमा जैसे कई जिले हैं, जिनकी सीमा बिहार से लगती है. यह क्षेत्र सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक क्षेत्र से भी बिहार से जुड़े हुए है. ऐसे क्षेत्रों में कार्यकर्ताओं को सक्रिय किया जा रहा है. बता दें कि बिहार चुनाव को लेकर भाजपा पूरी तरह से रेस है. बिहार चुनाव में तो अभी देरी है लेकिन सियासी सक्रियता बढ़ी हुई है.
रिपोर्ट-धनबाद ब्यूरो
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