रांची (RANCHI) : झारखंड में 2024 के विधानसभा चुनाव के रिजल्ट आने के बाद जिस चेहरे की सबसे ज्यादा चर्चा हो रही है वो हैं JLKM सुप्रीमो जयराम महतो. झारखंड के 81 में से 71 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने वाली JLKM भले ही सिर्फ एक सीट पर जीत हासिल की हो, लेकिन विधानसभा चुनाव में एनडीए का खेल बिगाड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ी. देखा जाए तो कुल मिलाकर 70 सीटों पर जेएलकेएम को हार का सामना करना पड़ा. राज्य में विधानसभा चुनाव के महज दो महीने पहले रजिस्टर्ड हुई पार्टी के सुप्रीमो जयराम महतो ने 15% कुर्मी वोट बैंक को साधने की कोशिश की. इतना ही नहीं उन्होंने कुर्मी नेता सुदेश महतो के गढ़ में उन्हीं को ही मात दे दी.
8 सीटों पर JLKM ने एनडीए को सीधे तौर पर पहुंचाया नुकसान
जयराम महतो ने आठ विधानसभा सीटों पर एनडीए प्रत्याशियों को सीधे तौर पर नुकसान पहुंचाया. इनमें सबसे अहम सीट सिल्ली की है. इसी तरह टुंडी, ईचागढ़, तमाड़, चंदनकियारी, कांके और रामगढ़ में भी भाजपा-आजसू पार्टी को हराने में जेएलकेएम ने अहम भूमिका निभाई.
जगरनाथ महतो के गढ़ पर जयराम ने की फतेह
सबसे पहले बात की जाए डुमरी सीट की तो जयराम महतो ने जेएमएम के दिग्गज नेता जगरनाथ महतो की पत्नी बेबी देवी को हराकर सबको चौंका दिया. एनडीए प्रत्याशी यशोदा देवी यहां तीसरे नंबर पर रहीं. जयराम महतो को 94 हजार 496 वोट मिले, जबकि बेबी देवी को 83551 वोट मिले. जीत-हार का अंतर 10 हजार 945 वोट रहा. यशोदा देवी को 35890 वोट मिले. अगर जयराम महतो मैदान में नहीं होते तो शायद एनडीए यहां से जीत जाता.
सिल्ली में भी जेएलकेएम ने बिखेरा अपना जलवा
कांग्रेस की 16 में से 6 और सीपीआईएमएल की 2 में से 2 सीटों पर भी यही हाल रहा. एनडीए की जीती हुई 24 सीटों में से भी 9 पर जेएलकेएम तीसरे नंबर पर रही. यहां तक कि आजसू प्रमुख सुदेश महतो को सिल्ली सीट पर 23867 वोटों से हार का सामना करना पड़ा, जहां जेएलकेएम के देवेंद्रनाथ महतो को 41725 वोट मिले. सिल्ली सीट पर जेएमएम उम्मीदवार अमित कुमार ने सुदेश महतो को हराया. अमित कुमार को 73 हजार 169 वोट मिले, जबकि सुदेश महतो को 49 हजार 302 वोट मिले. हार-जीत का अंतर 23 हजार 876 वोटों का रहा. यहां से जेएलकेएम के देवेंद्रनाथ महतो को 41 हजार 725 वोट मिले. माना जा रहा है कि जेएलकेएम की वजह से ही सुदेश महतो को हार का सामना करना पड़ा.
रामगढ़ विधानसभा सीट पर जेएलकेएम बना वोट कटवा
वहीं अगर बात की जाए रामगढ़ सीट की तो कांग्रेस की ममता देवी ने आजसू की सुनीता देवी को हराया. कांग्रेस प्रत्याशी ममता देवी को 89 हजार 818 वोट मिले, आजसू प्रत्याशी सुनीता देवी को 83028 वोट मिले. जेएलकेएम प्रत्याशी परमेश्वर कुमार की बात करें तो उन्हें 70979 वोट मिले. जीत का अंतर मात्र 6790 वोट रहा. माना जा रहा है कि अगर जयराम महतो की पार्टी यहां से चुनाव नहीं लड़ती तो सुनीता देवी जीत जातीं.
बेरमो विधानसभा सीट पर जयराम महतो ने बिगाड़ा खेल
बेरमो सीट पर कांग्रेस के अनूप सिंह ने जीत दर्ज की. दूसरे नंबर पर भाजपा के रवींद्र पांडेय और तीसरे नंबर पर जेएलकेएम के जयराम महतो रहे. जयराम महतो को 60 हजार 871 वोट मिले और जीत का अंतर महज 29 हजार 375 वोट रहा. इससे साफ है कि अगर जयराम महतो मैदान में नहीं होते तो शायद यहां से भाजपा जीत जाती.
सिंदरी विधानसभा सीट का हाल
सिंदरी सीट पर सीपीआई एमएल के चंद्रदेव महतो ने जीत दर्ज की. उन्हें 105136 वोट मिले. बीजेपी की तारा देवी को 101688 वोट मिले. जीत का अंतर 3448 वोट रहा. वहीं बात करें जेएलकेएम की उषा देवी का तो उनको 42664 वोट मिले.
चंदनकियारी विधानसभा सीट से JLKM ने पूर्व मुख्यमंत्री को हराया
चंदनकियारी सीट पर जेएमएम के उमाकांत रजक ने जीत दर्ज की. उन्हें 90027 वोट मिले. जेएलकेएम के अर्जुन राजवार दूसरे स्थान पर रहे और उन्हें 56294 वोट मिले. बीजेपी के अमर कुमार बाउरी तीसरे स्थान पर रहे और उन्हें 56091 वोट मिले. गोमिया सीट पर जेएमएम के योगेंद्र प्रसाद ने जीत दर्ज की. उन्हें 95170 वोट मिले. जेएलकेएम की पूजा कुमारी दूसरे स्थान पर रहीं और उन्हें 36093 वोट मिले. आजसू के लंबोदर महतो 54508 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रहे.
इचागढ़ विधानसभा सीट पर भी JLKMने दी कड़ी टक्कर
इचागढ़ सीट पर जेएमएम की सबिता महतो ने जीत दर्ज की. उन्हें 77552 वोट मिले. आजसू के हरे लाल महतो को 51029 वोट मिले. जीत का अंतर 26523 वोट रहा. जेएलकेएम के तरुण महतो को 41138 वोट मिले. तमाड़ सीट पर जेएमएम के विकास कुमार मुंडा ने 65655 वोट पाकर जीत दर्ज की. जेडीयू के गोपाल कृष्ण पातर दूसरे नंबर पर रहे और उन्हें 41409 वोट मिले. जीत-हार का अंतर 24246 वोट रहा. जेएलकेएम की दमयंती मुंडा को 26562 वोट मिले.
बताते चलें कि इस चुनाव में इंडी गठबंधन ने 56 सीटें जीतीं, जिसमें से 24 सीटों पर एनडीए दूसरे नंबर पर और जेएलकेएम तीसरे नंबर पर रही. चुनाव परिणाम से साफ है कि जेएलकेएम ने इस चुनाव में अपनी मौजूदगी दर्ज कराई है. यहां यह कहना गलत नहीं होगा कि आने वाले समय में इसकी भूमिका और भी अहम होने वाली है.
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