पुराने तेवर में टाइगर जयराम! सदन में सरकार के सात गारंटियों पर उठाया सवाल, कहा- सरकार के कथनी और करनी में जमीन-आसमान का अंतर


टीएनपी डेस्क (TNP DESK) : झारखंड विधानसभा के चल रहे शीतकालीन सत्र के चौथे दिन विधायक जयराम अपने पुराने अंदाज में दिखे. सदन में प्रवासी मजदूरों की बदतर स्थिति और राज्य में हो रहे पलायन को लेकर सरकार को घेरने का काम किया. टाइगर जयराम ने सदन में सरकार की सात गारंटियों पर सवाल उठाते हुए कहा कि सरकार के वादों और कामों में बहुत बड़ा अंतर है. उन्होंने दावा किया कि गारंटी योजनाओं का असर ज़मीनी स्तर पर मुश्किल से ही दिख रहा है.
जयराम ने कहा कि पलायन राज्य की सबसे बड़ी और सबसे पुरानी समस्या है, और विधायक बनने के बाद से उन्होंने अपने चार-पांच निर्वाचन क्षेत्रों से डेटा इकट्ठा किया है, जिससे पता चलता है कि प्रवासी मज़दूर आबादी का 70 से 75 प्रतिशत हिस्सा हैं. उन्होंने कहा कि वह हर सत्र में प्रवासी मज़दूरों से जुड़े मुद्दे उठाते रहे हैं और आगे भी ऐसा करते रहेंगे.
विधानसभा में उठाए जाने वाले मुद्दों का ज़िक्र करते हुए उन्होंने कहा कि गढ़वा, पलामू, चतरा और कई अन्य इलाकों से लोग रोज़ अपनी समस्याएँ लेकर उनके पास आते हैं. एक विधायक के तौर पर वह सदन में याचिकाएँ देते हैं, लेकिन कई विभाग समय पर जवाब भी नहीं देते. ऐसे अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए.
जयराम ने यह भी बताया कि झारखंड के विजय कुमार का शव पिछले 50 दिनों से सऊदी अरब में पड़ा है, लेकिन सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया है. उन्होंने कहा कि प्रवासी मज़दूर झारखंड की आर्थिक रीढ़ हैं और उनकी सुरक्षा की ज़िम्मेदारी सरकार की है.
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