धनबाद(DHANBAD) झारखंड के तीन जिलों और बड़े भाई बिहार के 13 जिलों में जमीन के नीचे बहुमूल्य रत्न और पत्थरों के भंडार होने की संभावना है. यह खनिज भंडार किसी खजाने से कम नहीं हो सकते है. इनकी खोज के लिए केंद्रीय जियोलॉजिकल प्लानिंग बोर्ड ने सर्वे की अनुमति दी है. जियोलॉजिकल सर्वे आफ इंडिया ने झारखंड के तीन जिलों और बिहार के 13 ज़िलों में सर्वे का काम करेगा. जियोलॉजिकल सर्वे आफ इंडिया को ₹130 दिनों में यह काम पूरा करना होगा. झारखंड के जिन तीन जिलों में सर्वे के काम होंगे, उनमें पलामू, गिरिडीह और चतरा शामिल है.
जबकि बिहार के 13 जिलों में मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, बांका, जमुई, लखीसराय, भागलपुर, खगड़िया, औरंगाबाद, मुंगेर, गया ,रोहतास, नालंदा और नवादा जिले शामिल है. जानकारी निकल कर आ रही है कि बिहार के कई जिलों में कीमती रत्न और पत्थरों के भंडार के साथ ही रासायनिक तत्वों के होने की भी संभावना है. इन जिलों में सर्वे अधिकारी की तैनाती की जाएगी. बताया जा रहा है कि मुजफ्फरपुर में अभ्रक के साथ नोनिया मिट्टी और रेत मिलने की संभावना है. वही समस्तीपुर में रेत एवं नोनिया मिट्टी जैसे खनिज पदार्थ मिलने की उम्मीद है. इसी तरह अन्य जिलों में भी खनिज पदार्थ होने की संभावना जूलॉजिकल विभाग में जताई है.
सर्वे होने के बाद ही पता चल पाएगा कि किस जिले में किस खनिज का कितना भंडार है. बता दें कि 2000 में विभाजन के बाद खनिज संपदा वाला अधिक हिस्सा झारखंड के पास चला आया लेकिन वर्तमान में बिहार में पाए जाने वाले प्रमुख खनिज में चीनी मिट्टी, चूना पत्थर, नोनिया मिट्टी, सजावटी ग्रेनाइट आदि शामिल है. यह भी कहा जाता है की भौगोलिक परिस्थितियों के कारण बिहार के विभिन्न जिलों में अनेक प्रकार की खनिज संपदा पाई जाती है. इधर ,प्रचुर खनिज संपदाओं और विस्तृत वन्य प्रदेश से भरपूर झारखंड पूरे देश का सबसे अमीर राज्यों में से एक है. इस क्षेत्र में कोयला, लौह अयस्क, अभ्रक, बॉक्साइट, चूना पत्थर , तांबा, क्रोमेट, एस्बेस्टस, क चाइना क्ले, मैंगनीज, डोलोमाइट, यूरेनियम आदि के असीम भंडार है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
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