रांची(RANCHI): विधानसभा चुनाव की घोषणा जल्द ही हो सकती है. इससे पहले सभी राजनीतिक दल अपने अपने प्रत्याशी के चयन में लगी है. ऐसे नेता की खोज हो रही है जो टिकट पार्टी के झोली में डाल दे. लेकिन सबसे बड़ी समस्या कांग्रेस के सामने है कि कई ऐसे दावेदार है जो सिर्फ चुनावी मौसम में ही बाहर दिखाई देते है. इसमें हटिया विधानसभा क्षेत्र से भी ऐसे ही दावेदार है. जिसका परिणाम चुनाव में हार का सामना करना पड़ता है. लेकिन इस बार कांग्रेस आलाकमान जमीनी कार्यकर्ता को टिकट दे सकती है.
दरअसल हटिया विधानसभा एक ऐसी सीट है. जिस पर कांग्रेस का दबदबा था. लेकिन कांग्रेसी नेताओं के बिल में रहने के वजह से हटिया की जनता ने कांग्रेस को नकारना शुरू कर दिया. जिसका परिणाम हुआ कि 2012 के उपचुनाव के समय से कांग्रेस एक बार भी वापस सीट को कब्जे में नहीं ले सकी. अब फिर 2024 में चुनाव है कई नेता फिर जनता के बीच पहुंचना शुरू कर चुके है. ऐसे में कांग्रेस अगर जमीनी कार्यकर्ता पर भरोसा जताती है तो परिणाम उनके पक्ष में आ सकता है. खोई हुई सीट वापस से आ सकती है. अगर देखें तो कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी खूब मेहनत कर रहे है. ऐश और आराम वाली ज़िंदगी छोड़ जनता के बीच पहुंच रहे है. अब कुछ ऐसा ही झारखंड विधानसभा चुनाव में भी देखने को मिल सकता है. कांग्रेस शीर्ष नेतृत्व ऐसे कार्यकर्ता की तलाश में जुटी है. जिसकी अपनी पकड़ भी विधानसभा क्षेत्र में हो. एक मजबूत प्रत्याशी दे जिससे संगठन के साथ-साथ एक विधायक भी विधानसभा तक पहुंच सके.
हटिया विधानसभा क्षेत्र में जब लोगों से बात किया तो कई लोगों ने बताया कि कांग्रेस सही प्रत्याशी का चयन नहीं करती है. जिसका नतीजा है कि हार का सामना करना पड़ता है. अगर हटिया से एक बेहतर प्रत्याशी मिले तो यहां जीत निश्चित मिल सकती है.लोगों ने बताया कि अजय नाथ शाहदेव दूसरे काम में ज्यादा व्यस्त मिलते है. क्रिकेट से भी जुड़े हुए है. इस वजह से क्षेत्र में उनकी सक्रियता सिर्फ चुनाव आने से पहले दिखाई देती है, जबकि इस क्षेत्र में कई ऐसे नेता है. जिनका काम और सक्रियता हर जगह दिखाई देती है.
हटिया विधानसभा में मतदाता की बात करें तो इस सीट पर चार लाख 46 हजार 372 से अधिक है. जिसमें ग्रामीण इलाकों में 23.82 प्रतिशत मतदाता है, यानि एक लाख 6 हजार 326. वहीं शहरी इलाकों की बात करें तो तीन लाख चालीस हजार 46 यानि 76.18 प्रतिशत है. इसमें जातिगत आकड़ों को देखें तो SC-17900, ST- 125297 और मुस्लिम-66956 है. बाकी अन्य जातियों के मतदाता इस क्षेत्र में है. अगर इस आंकड़ें को देखें तो एक बड़ा तबका मुसलमानों का कांग्रेस के साथ जाता है. इसके अलावा आदिवासी वोट भी कांग्रेस की ओर ही रुझान हैं. इसके बावजूद कांग्रेस की जीत नहीं होना यह सोचने वाली बात है. अगर कांग्रेस इस सीट पर बेहतर फील्डिंग करें और मजबूत प्रत्याशी दे तो सीट उसके खाते में जा सकती है.
मौजूदा हालत में कांग्रेस के कई नेता सिर्फ सोशल मीडिया पर एक्टिव दिखते है. अगर जमीन पर भी काम करें तो इसका परिणाम चुनाव में दिख सकता है. अब देखना होगा कि आखिर इस बार सीट किसे मिलती है. आखिर कांग्रेस आलाकमान जमीनी नेता पर भरोसा दिखाएगी या फिर हवा हवाई को ही मैदान में लैंड करने की तैयारी है. कुछ दिन ही बचा है सभी तस्वीर साफ हो जाएगी.
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