रांची(RANCHI): उत्तरकाशी के टनल से मुक्त हुए झारखंड के 15 मजदूरों को नई जिंदगी मिली है. लगातार 17 दिन तक टनल में कैद रहने के बाद, काफी मशक्कत के बाद मज़दूरों को बाहर निकाला गया. मजदूरों को बाहर निकाले जाने के बाद अब झामुमो विधायक लोबिन हेम्ब्रम ने राज्य सरकार से सभी मज़दूरों को 15 लाख रुपये देने की मांग और राज्य में ही नौकरी देने की मांग की है.
लोबिन हेंब्रम ने सरकार से पूछा सवाल
लोबिन हेंब्रम ने आज प्रेस वार्तात के दौरान कहा कि झारखंड के 15 मजदूर उत्तराखंड के टनल में फसे थे. काफी मशक्कत के बाद रेट माइनर ने उन्हें बाहर निकाल कर दोबारा ज़िंदगी दी. लेकिन सवाल यह है कि आखिर मज़दूरों को बाहर क्यों जाना पड़ रहा है. कोरोना महामारी के दौरान भी बाहर फसे मज़दूरों को मुख्यमंत्री ने फ्लाइट से लाया. अब उत्तराखंड से मज़दूरों को झारखंड लाया जा रहा है. यह अच्छी पहल है. लेकिन मुख्यमंत्री जी हर बार यह दावा करते है कि राज्य के 75 प्रतिशत लोगों को वे रोजगार दे रहे है. लेकिन यहां सवाल खड़ा होता है कि मुख्यमंत्री जी जीन लोगों को रोजगार दिए है, वह किस कंपनी में नौकरी कर रहे है.
15 मजदूरों को 15 लाख रुपए दे राज्य सरकार
आगे उन्होंने कहा कि झारखंड के मजदूरों के साथ दूसरे राज्य में किस तरह का हाल किया जाता है, यह किसी से छिपा नहीं है. मजदूर दूसरे राज्य कमाने जाते है, लेकिन वहां कुछ हादसा हो जाए तो कितने की लाश तक घर वापस नहीं आती है. इसी वजह से वे मांग करते है कि जो मजदूर वापस लौट रहे है. उन सभी 15 मज़दूरों को 15-15 लाख रुपये राज्य सरकार की तरफ से दी जाए. साथ ही राज्य में ही उनकी नौकरी सुनिश्चित की जाए.
रिपोर्ट. समीर हुसैन
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