देवघर(DEOGHAR): देवघर के बाबा मंदिर में विराजमान शंकर भगवान पर भक्त की तरफ से चढ़ाये जाने वाला गंगाजल,फूल इत्यादि अमृत के समान होता है. श्रद्धालु इस अमृत को अवश्य ग्रहण करते हैं, इतना ही नहीं इस जल से स्नान करने से सारी पीड़ा नष्ट तो होती ही है, इसके साथ ही साथ कई तरह के उपयोगी कार्य में भी यह काम आता है.
जल लेने वालों का लगा रहता है तांता
बाबा बैद्यनाथधाम के नाम से जाना जाने वाला यह पवित्र ज्योर्तिलिंग मनोकामना लिंग के नाम से भी जाना जाता है,ऐसी मान्यता है कि इस ज्योर्तिलिंग में सच्चे मन से पूजा-अर्चना करने से भगवान शंकर अवश्य मनोकामना पुर्ण करते हैं, यही वजह है कि इस पवित्र ज्योर्तिलिंग में सालों भर श्रद्धालुओं की अपार भीड़ रहती है.खासकर सावन के महीने में तो प्रतिदिन लगभग 1 लाख से अधिक श्रद्धालु बाबा का जलाभिषेक करते हैं.
बाबा मंदिर का जल भी है अमृत समान
यहां की एक अद्भुत बात बताएं तो, श्रद्धालु की तरफ से जलाभिषेक गंगाजल, बेलपत्र, फूल इत्यादि से हर मनोकामना मांगी जाती है. श्रद्धाल जो जल बाबा पर चढ़ाते हैं, वह अमृत के समान होता है. यह जल गर्भगृह से बाहर बने एक कुंड में आकर गिरता है.ऐसी मान्यता है की इस जल के ग्रहण करने से सभी रोग नष्ट हो जाते हैं, और इस जल को घर में प्रयोग करने से सभी बाधायें दूर हो जाती है.
इसके उपयोग से कई रोगों के साथ नकारात्मक शक्तियों से भी मिलता है छुटकारा
पवित्र ज्योर्तिलिंग पर चढ़ने वाला जल जब कुंड में गिरता है, तो इसे ग्रहण करनेवाले श्रद्धालु का तांता लग जाता है. भक्त जल को महाप्रसाद समझ अपने घर भी ले जाते है. भक्तो की माने तो यह अमृत के समान है, जिसे महाप्रसाद स्वरुप लेने से सारी कष्ट,बीमारी इत्यादि दूर हो जाती है. इतना ही नही इस जल से स्नान करने से चर्मरोग,शारीरिक रोग दूर हो जाते. भगवान शिव से निकली गंगा को पवित्र नदी माना जाता है, वैसे ही भगवान शंकर के शरीर से स्पर्श करते हुए जो जल कुंड में गिर रहा है, वह कितना पवित्र है, यह कहने की बात नही है,तभी तो इस अमृत समान जल को ग्रहण करने के लिए श्रद्धालुओं का कुंड के पास तांता लगा रहता है.
रिपोर्ट: रितुराज सिन्हा
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