धनबाद(DHANBAD): उत्तर प्रदेश से भागकर धनबाद पहुंचे 3 बच्चों की बात सुनकर कोई भी हैरत में पड़ जाएगा. इन बच्चों की उम्र 10 से 13 साल के बीच है. लेकिन अधिक से अधिक बहुत जल्द धन कमाने के लिए इन लोगों ने घर छोड़ दिया और कोलकाता जाने को निकल गए. लेकिन धनबाद में इन्हें पकड़ लिया गया. आरपीएफ ने तीनों को बरामद किया और उसके बाद सीडब्ल्यूसी को सौंप दिया. तीनों के मन में नाम, पैसा और सोहरत पाने की चाहत इस कदर सवार थे कि वह लोग घर छोड़कर कोलकाता के लिए निकल गए.
कोलकाता जाने के लिए निकले थे घर से
भागने से पहले बच्चो ने लोगों से जानकारी जुटाई तो पता चला कि कोलकाता में ही उन्हें धन, दौलत और शोहरत मिल सकती है. उसके बाद सभी कोलकाता के लिए निकल गए. सीडब्ल्यूसी के अध्यक्ष उत्तम मुखर्जी के अनुसार एक लड़का ने कहा कि वह अपने पिता की मिठाई दुकान में लखनऊ में काम करता था. उसने सब काम सीख लिया है. जलेबी से लेकर समोसा तक बना लेता है. उसका कहना है कि जब मुझे सब काम आता है, तो पिता की डांट सुनकर उनके पास क्यों रहेंगे. खुद का बिजनेस करेंगे और उन से भी बड़ा आदमी बनेगे. जिसने भी घर छोड़ा है, वह बड़ा आदमी बना है. यही तीनों बच्चों का "ब्रेन वॉशर" है और इसी के बातों में आकर बच्चों ने घर छोड़ दिया. जिस समय बच्चे बरामद किए गए, उस समय उनके पास 80 से लेकर ₹100 थे.
सीडब्ल्यूसी को असलियत जानने में लगा वक्त
हालांकि यह बात उगलवाने में सीडब्ल्यूसी को कड़ी मेहनत करनी पड़ी. आर पी एफ को बताते रहे कि गलती से ट्रेन पकड़ लिए हैं और धनबाद पहुंच गए है. लेकिन उसके बाद जब सीडब्ल्यूसी के अधिकारियों ने उनकी काउंसलिंग की तो मामला साफ हुआ. लोगों को बच्चों की सोच पर तरस आई, बच्चों पर दया भी आई और उनके कथन पर गुस्सा भी आया. अब बच्चों को उनके अभिभावकों के पास भेजने की कार्रवाई चल रही है. पढ़ाई के डर से घर से भागने, डांट खाने के बाद घर से भागने की बातें तो सुनने में आती रही है लेकिन बड़ा आदमी बनने, काफी धन कमाने, नाम और शोहरत अर्जित करने की मंशा से भागने वाले बच्चो के मन की उड़ान ने सबको आश्चर्य में डाल दिया है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
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