रांची (RANCHI) : लगभग 17 साल पूर्व जमशेदपुर में एक बड़ा कांड हुआ था. श्री लेदर कंपनी के मालिक आशीष डे की हत्या कर दी गई थी. इस मामले में कुख्यात अपराधी समेत कई लोगों को अभियुक्त बनाया गया था. इस हत्याकांड को लेकर काफी हल्ला हंगामा हुआ था. हाई कोर्ट में इस कांड के दोषी करार दिए गए तीन लोगों की अपील पर सुनवाई हुई. पिछले दिनों पक्ष और विपक्ष की ओर से अलग-अलग दलील दी गई. हाई कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था. मंगलवार को हाई कोर्ट ने फैसला सुना दिया है.
जानिए कब हुआ था यह सनसनीखेज हत्याकांड
झारखंड के इतिहास में कुख्यात अपराधिक कांडों में से एक श्री लेदर मलिक की हत्या का मामला काफी सुर्खियों में रहा. श्री लेदर एक कंपनी है जिसके जूते, बैग काफी सस्ते और टिकाऊ होते हैं. इस कंपनी के मालिक आशीष डे को पहले तो धमकी दी गई, लेकिन बाद में उनकी अपराधियों ने हत्या कर दी. इस मामले में पुलिस की लापरवाही भी सामने आई थी. आशीष डे से रंगदारी मांगने का भी मामला था. श्री लेदर कंपनी का मालिक आशीष डे की हत्या जमशेदपुर के साकची आम बगीचा के पास कर दी गई थी. यह घटना 2 नवंबर 2007 में हुई थी.
झारखंड हाई कोर्ट ने इस मामले में क्या फैसला दिया है
इस सनसनीखेज हत्याकांड मामले में कई लोग आरोपी बनाए गए थे, लेकिन जमशेदपुर की निचली अदालत ने सितंबर 2011 में जितेंद्र कुमार सिंह, अमलेश कुमार सिंह और विनोद कुमार सिंह को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. सजायाफ्ता इन तीनों ने झारखंड हाई कोर्ट में क्रिमिनल अपील दाखिल की थी. झारखंड हाईकोर्ट में हुई लंबी सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था. मंगलवार को फैसला आया है. तीनों सजायाफ्ता को हाई कोर्ट से राहत मिली है. आजीवन कारावास की सजा निरस्त कर दी गई है.
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