धनबाद(DHANBAD): मुंबई मेल में कई दिनों तक लगातार धनबाद से नो रूम है. हावड़ा राजधानी और दूरंतो में दिसंबर से पहले जगह नहीं है. पूर्वा एक्सप्रेस सहित अन्य ट्रेनों में छठ बाद तक भीड़भाड़ है. अहमदाबाद और गुजरात जाने वाली अन्य ट्रेनों में इस साल किसी भी दिन सीट नहीं है. राजस्थान जाने वाली ट्रेनों में सीट पाने के लिए दिसंबर का इंतजार करना होगा. उत्तर प्रदेश के कई शहरों से होते हुए पंजाब जाने वाली ट्रेनों में भी दिसंबर ,जनवरी के पहले कोई जगह नहीं है. यह हाल है धनबाद होकर गुजरने वाली ट्रेनों का.
धनबाद के लोगों को स्पेशल ट्रेन का इंतजार
नवरात्र शुरू होने में महज तीन से चार दिन शेष हैं. अब चारों ओर पूजा की धूम रहेगी. दुर्गा पूजा के कारण ट्रेन हाउसफुल चल रही है. लेकिन धनबाद के लोग स्पेशल ट्रेन की राह अभी भी देख रहे हैं. रेलवे बिहार के स्टेशनों से नई-नई स्पेशल ट्रेनों की घोषणा कर रहा है. लेकिन धनबाद स्टेशन की किसी को याद नहीं आ रही है. पूर्व मध्य रेलवे ने पिछले तीन दिनों में कई स्पेशल ट्रेनों की घोषणा की है. लेकिन धनबाद स्टेशन से एक भी पूजा स्पेशल ट्रेन चलाने की सूचना रेलवे की ओर से जारी नहीं की गई है .यह तब हाल है जब पूर्व मध्य रेलवे के लोडिंग से होने वाली आय में धनबाद रेल मंडल की हिस्सेदारी 96% है. इस वित्तीय वर्ष में धनबाद डिवीजन 9 अक्टूबर तक 96 मिलियन टन की लोडिंग कर चुका है . इसी अंतराल में पूर्व मध्य रेलवे के पांचो रेल मंडलों ने मिलकर 100 मिलियन टन लदान किया है. बावजूद धनबाद के प्रस्तावों पर रेलवे बोर्ड चुप है. आखिर ऐसा क्यों.
क्या धनबाद रेल मंडल सिर्फ आमदनी का जरिया है
धनबाद के साथ यह उपेक्षा क्यों ,क्या रेलवे बोर्ड धनबाद रेल मंडल को सिर्फ आमदनी का जरिया भर मानता है. यहां के लोगों के अधिकार से वंचित क्यों किया जाता है. यह सब ऐसे सवाल हैं जो सीधे-सीधे जनप्रतिनिधियों से जुड़े हुए हैं .जनता के वोट से विधायक और सांसद चुनकर उनकी आवाज उठाने के लिए विधानसभा और लोकसभा में जाते हैं. लेकिन जब जनता के साथ अनदेखी होती है तो वह चुप्पी क्यों साथ लेते हैं. यह एक बड़ा सवाल है.धनबाद पूर्व मध्य रेलवे के अंतर्गत आता है.
रिपोर्ट: धनबाद ब्यूरो
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