रांची (RANCHI): देश में आज यानी 1 जुलाई 2024 से अंग्रेजों द्वारा बनाए गए क्रिमिनल कानून की जगह नया कानून लागू हो गया है. इसके तहत राजधानी रांची के कोतवाली थाने में पहला चोरी से जुड़ा मामला भारतीय न्याय संहिता की धारा 303 के तहत दर्ज किया गया है.
दर्ज हुआ चोरी का पहला मामला
जानकारी के अनुसार अपर बाजार इलाके के श्रद्धानंद रोड में एक दवा की दुकान है. जिसका संचालन रश्मि नाम की महिला करती है. आज सुबह जब वह दुकान खोलने पहुंची तो उसने पाया कि दुकान के शटर का ताला टूटा हुआ है. इसके बाद जब वह दुकान के अंदर गई तो देखा कि काउंटर से करीब एक लाख रुपये गायब थे. इसके अलावा काउंटर में रखे कुछ चांदी के सिक्के भी गायब मिले. संचालक की शिकायत पर कोतवाली थाने में मामला दर्ज किया गया. नया आपराधिक कानून लागू होने के बाद भारतीय न्याय संहिता की धारा 303 के तहत दर्ज होने वाला यह पहला मामला है. यह मामला कल यानी 30 जून 2024 तक आईपीसी की धारा 379 के तहत दर्ज किया जा रहा था.
गौरतलब है कि पहले थानों में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) के तहत मामले दर्ज हो रहे थे. बीएनएस ने आईपीसी की जगह ले ली है. आईपीसी में कुल 511 धाराएं थीं, अब बीएनएस में 358 हो गई हैं. भारतीय न्याय संहिता में आईपीसी के सभी प्रावधानों को समाहित कर दिया गया है. आईपीसी की तुलना में बीएनएस में 21 नए अपराध जोड़े गए हैं. 41 अपराध ऐसे हैं, जिनमें जेल की अवधि बढ़ा दी गई है. 82 अपराधों में जुर्माने की राशि बढ़ा दी गई है. 25 अपराध ऐसे हैं, जिनमें न्यूनतम सजा का प्रावधान किया गया है. छह तरह के अपराधों के लिए सामुदायिक सेवा करनी होगी. 19 धाराओं को हटा दिया गया है. बीएनएस के अंदर अगर लोग जाति, भाषा या व्यक्तिगत आस्था के आधार पर समूह में हत्या करते हैं, तो उन्हें सात साल से लेकर आजीवन कारावास या मृत्युदंड तक की सजा हो सकती है बीएनएस में महिलाओं और बच्चों के विरुद्ध अपराध, हत्या, मानसिक स्वास्थ्य, वैवाहिक बलात्कार, संगठित अपराध और चुनावी अपराध से संबंधित धाराएं शामिल हैं.
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