Tnp Desk: लोकसभा चुनाव की तारीखों का एलान हो गया है,अगले ढाई महीने में सारी तस्वीर साफ हो जाएगी कि आखिर दिल्ली की सत्ता पर कौन आसीन होगा. एनडीए और इंडिया के बीच कशमकश परवान पर होगी . जहां किसकी तरफ आवाम झुकेगा, अभी कुछ भी नहीं कहा जा सकता. हालांकि, मैदान अब सज चुका है और सियासी शोर भी फिंजा में गुंजने लगी हैं. झारखंड की 14 लोकसभा सीटों में भी मुकाबले कांटे का होने जा रहा है. कई दिग्गजों की किस्मत अखाड़े मे दांव पर होगी. तो कई नए सूरमा इस दंगल में बाजी मारना चाहेंगे. आईए झारखंड की कुछ लोकसभा सीटों की चर्चा करते हैं, जहां निगाहे के साथ-साथ सुर्खियां भी चुनाव के दरम्यान बटोरेगी.
दुमका - झारखंड की दुमका सीट शुरु से ही चर्चित रही है. दिशोम गुरु शिबू सोरेन परिवार का गढ़ रहा हैं. बीच-बीच में भाजपा उनके इस किले में सैध मारती रही है. आदिवासी और अल्पसंख्यक बहुल इस सीट पर शिबू सोरेन सात बार सांसद चुने जा चुके है. इससे अंदाजा लग सकता है कि सोरेन परिवार का किस कदर यहां वजूद रहा है. उनकी बादशाहत को 1989 में मौजूदा भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी तोड़ी थी. हालांकि, इसके बाद भी शिबू सोरेन का वर्चस्व यहां रहा . पिछले 2019 के लोकसभा चुनाव में शिबू सोरेन यहां भाजपा के सुनील सोरेन हार गये थे. इस बार सुनील सोरेन के सामने प्रत्याशी कौन होगा, अभी साफ नहीं है. शिबू सोरन की उम्र इस बार आड़े आ रही है, तो ऐसी हवा उड़ रही है कि जमीन घोटाले के आरोप मे जेल में बंद पूर्व मुख्यमंत्री और शिबू सोरेन के बेटे हेमंत सोरेन यहां से लड़ सकते हैं. हालांकि, हेमंत के अलावा उनकी वाइफ कल्पना और सीता सोरेन के नाम भी चर्चा में हैं. यहां देखना ये दिलचस्प होगा कि 1 जून को यहां होने वाले वोटिंग में आखिर जनता किसे ज्यादा मत देती है.
चाईबासा - कांग्रेस से सांसद चुनी गयी पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा की पत्नी गीता कोड़ा इस बार भाजपा की उम्मीदवार है. माना जा रहा है कि इस बार कांटे का मुकाबला यहां से होगा, कोल्हान की यह सीट भाजपा के लिए चुनौती रही है. इस सीट में चौथे चरण में 13 मई को मतदान होगा. यह सीट कांग्रेस के लिए गढ़ रही है, गीता कोड़ा ने पिछली बार यही से जबरदस्त जीत दर्ज की थी. इस बार उनके सामने कौन प्रत्याशी होगा . ये देखने वाली बात होगी, सवाल यहां यही है कि कमल के निशान पर चुनाव लड़ रही गीता को जनता का आशीर्वाद मिलेगा. झारखंड की इस सीट पर भी सभी की निगाहें लगी रहेगी.
गोड्डा - भाजपा के निशिकांत दुबे यहां जीत की हैट्रिक जमा चुके हैं. इस बार अगर चुनाव जीतते है, तो फिर उनकी लगातार चौथी बार जीत होगी. अपने बयानों और तंज के जरिए सिर्फ झारखंड ही नहीं देश की सियासत में भी निशिकांत खलबली पैदा करते रहते हैं. इस बार उनके सामने कांग्रेस का कौन सा उम्मीदवार गोड्डा के रण में चुनौती देगा. इस पर सभी की नजर बनीं रहेगी. गोड्डा की यह सीट निशिकांत दुबे के चलते हॉट बनीं हुई है. 1 जून को सातवें चरण में यहां मतदान होगा . निशिकांत जीतेंगे की नहीं जनता अपना मत इस दिन ही देगी. इस सीट पर पूरे देश की नजर बनीं रहेगी
हजारीबाग- पिछले तकरबीन दो दशक से यशंवत सिन्हा और उनके पुत्र जयंत सिन्हा भाजपा की तरफ से चुनाव लड़ते रहे हैं. पिता-पुत्र की जोड़ी यहां टूट चुकी है. भाजपा के लिए यह सीट गढ़ रही है. इस बार बीजेपी की तरफ से नया चेहरा मनीष जयसवाल है, जो कमल फूल लेकर मैदान में उतरे हैं. मनीष जयसवाल के सामने खुद को साबित करने की चुनौती तो होगी ही. इसके साथ ही देखना ये भी होगा कि कांग्रेस की तरफ से उनके सामने अखाड़े में कौन आता है. यहां 20 मई को पांचवे चरण का मतदान होगा . बीजेपी ने इस बार जयंत सिन्हा का टिकट काट दिया . ऐसे में सभी की नजर इस बात पर टिकी रहेगी कि भाजपा यहां से सीट निकाल पाती है या नहीं.
खूंटी - झारखंड की खूंटी इस बार भी सुर्खियों में रहने वाली है. क्योंकि केन्द्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा दुबरा यहां भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं. पिछली बार 2019 में बड़ी मुश्किल से अर्जुन मुंडा ने जीत दर्ज की थी. इस बार तो उन्होंने जमशेदपुर से चुनाव लड़ने की इच्छा जतायी थी. लेकिन, खूंटी के अखाड़े में एकबार फिर अपनी जीत की जोर अजमाईश करेंगे. उम्मीद है कि इस बार भी कांग्रेस का उम्मीदवार ही उनके सामने होगा. यहां इस बार एंटी एनकंबेसी का फैक्टर भी सामने आ सकता है. ऐसे में अर्जुन कैसे यहां के चक्रव्यूह को भेदते हैं. इस पर ही देश की निगाहे टिकी रहेगी. यहां 13 मई को चौथे चरण का मतदान होगा.
रिपोर्ट- शिवपूजन सिंह
4+