दुमका(DUMKA): दुमका में सरकार द्वारा जनकल्याण की कई योजनाएं चलाई जा रही है. उसी में से एक है जन वितरण प्रणाली की दुकान से लाभुकों को राशन उपलब्ध कराना. लाभुकों की भी कई प्रकार है. किसी के पास लाल कार्ड है तो किसी के पास हरा कार्ड. विलुप्तप्राय आदिम जनजाति पहाड़िया को डाकिया योजना के तहत घर तक राशन पहुंचाया जाता है. दुमका जिला प्रशासन फर्जी राशन कार्ड को लेकर समय-समय पर अभियान चलाती है. सक्षम लोगों से राशन कार्ड वापस करने की अपील की जाती है. कई लोगों पर कार्यवाई भी हुई. इसके बाबजूद राशन कार्ड में फर्जीवाड़ा का मामला समय समय पर सामने आ ही जाता है.
जांच में चौकाने वाला तथ्य आया सामने
ताजा मामला जरमुंडी प्रखंड के भोडावाद गांव से सामने आया है. दरअसल गांव की पिंकी देवी को एक वर्ष पूर्व तक डाकिया योजना के तहत राशन मिल रहा था. अचानक उसका राशन मिलना बंद हो गया. वजह जानने के लिए प्रखंड कार्यालय का चक्कर लगाकर थक चुकी, पिंकी देवी ने इसकी शिकायत जिला परिषद सदस्य जुली यादव से की. जुली यादव ने इसकी शिकायत प्रखंड विकास पदाधिकारी से की. मामला आदिम जनजाति से जुड़े होने के कारण बीडीओ ने मामले को गंभीरता से लिया. बीडीओ ने जब मामले की जांच की तो चौंकाने वाला तथ्य सामने आया. जानकारी देते हुए जरमुंडी बीडीओ सह प्रभारी एमओ फुलेश्वर मुर्मू ने बताया कि शिकायतकर्ता पिंकी देवी का नाम परिवार के दूसरे राशन कार्ड में जुड़ा हुआ है. जो पहले से ही आधार से जुड़ा है. इस वजह से दूसरा राशन कार्ड आधार से नहीं जुड़ सकता. जिसके कारण दूसरे राशन कार्ड से डाकिया योजना का लाभ नहीं मिल सकता.
फर्जी राशन कार्ड के मामले में प्रसासनिक स्तर से कि जाए शख्त कार्यवाई
कहने का तात्पर्य है कि दूसरा राशन कार्ड फर्जी है. सवाल उठता है कि एक राशन कार्ड के रहते दूसरा राशन कार्ड कैसे निर्गत हो गया. शिकायतकर्ता पिंकी देवी खुद से तो फर्जी राशन कार्ड नहीं बना सकती. जरूर इसमें बिचौलिया या फिर कार्यालय कर्मी की संलिप्तता रही होगी. बीडीओ ने जांच में जब राशन कार्ड को फर्जी करार दिया तो फिर जांच यहीं क्यों रुक गयी. आखिर कैसे बना फर्जी राशन कार्ड इसकी जांच कौन करेगा. फर्जी राशन कार्ड बनाने वालों पर कार्यवाई कौन करेगा? इतने दिनों तक फर्जी कार्ड पर लाभुक ने जो राशन का उठाव किया क्या उससे कीमत वसूली जाएगी? सवाल कई है. जरूरत है फर्जी राशन कार्ड के मामले में प्रसासनिक स्तर से शख्त कार्यवाई करने की. तभी जरूरतमंदों तक सरकारी योजनाओं का लाभ मिल पाएगा.
रिपोर्ट. पंचम झा
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