धनबाद की सड़कों पर एक बार फिर रिकवरी एजेंट के नाम पर "गुंडों" का आतंक, पढ़िए ताजा मामला

धनबाद(DHANBAD): धनबाद की सड़कों पर रिकवरी एजेंटो का आतंक एक बार फिर बढ़ गया है. राह चलते लोगों के साथ मारपीट करना, वाहन छिन लेने की शिकायतें लगातार मिल रही है. धनबाद- झरिया मुख्य मार्ग पर बुधवार को भी एक ऐसी घटना घटी. पहले तो लोग कुछ समझ ही नहीं पा रहे थे. बाइक से जा रहे छात्र-छात्रा की कथित रिकवरी एजेंट के लोगों ने पिटाई कर दी. जब तक वहां भीड़ जुटी, तब तक मारपीट करने वाले बाइक छीनकर चलते बने. उसके बाद छात्र-छात्रा सड़क पर ही रोने लगे. लोगों के सुझाव पर दोनों किसी तरह झरिया थाना पहुंचकर शिकायत की. धनबाद के मनईटांड़ के रहने वाले छात्र ने पुलिस को बताया कि वह एक साल पहले धनबाद के सिटी सेंटर के समीप से पुरानी बाइक विक्रेता से पल्सर खरीदी थी.
झरिया की घटना से तो राहगीर भी हो गए थे भौंचक
बुधवार को बाइक से धनबाद स्थित अपने घर से अपने दोस्त के साथ पाथरडीह कोचिंग क्लास को जा रहा था. तभी कुछ युवकों ने बिहारी लाल चौधरी शोरूम के समीप बाइक रोककर गाली गलौज कर बाइक छिनने का प्रयास किया. लेकिन वह लोग सफल नहीं हुए. किसी तरह वह लोग बाइक लेकर झरिया के दुख हरिणी मंदिर के समीप पहुंचे. तब तक 10 -12 की संख्या में लोगों ने दोनों तरफ से घेर लिया. बीच सड़क पर ही मारपीट करने लगे. मारपीट करने वाला युवक कह रहे थे कि बाइक फाइनेंस कंपनी की है. इसका किस्त बकाया है. इस कारण बाइक लेकर जा रहे है. झरिया पुलिस का कहना है कि बाइक खरीद बिक्री के विवाद में मारपीट की घटना हुई है. पुलिस जांच कर रही है. इस तरह सड़क पर मारपीट करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. बता दे कि कथित रिकवरी एजेंट सड़क पर किसी भी गाड़ी को रोक कर बकाया होने की बात कहते है. फिर वाहन मालिकों के साथ रिकवरी एजेंट मारपीट भी करते है.
सड़क पर वाहन मालिको के साथ की जाती है रंगदारी
यह वसूली रंगदारी के साथ की जाती है. नहीं देने पर जान मारने की धमकी तक दे डालते है. शहर की सड़कों के अलावा जीटी रोड पर भी इनका आतंक कम नहीं है. पिछले साल दिसंबर महीने में धनबाद के गोविंदपुर में भी एक मामला सामने आया था. एक व्यक्ति अपनी कार से गोड्डा से धनबाद आ रहे थे. साहिबगंज रोड फकीरडीह के पास उनकी बलेनो कार को रोककर सात -आठ लोगो ने कहा कि गाड़ी की किस्त फेल है. किस्त दे दो और चले जाओ ,नहीं तो गाड़ी छीन कर पैदल चलवा देंगे. इस तरह की घटनाएं आम हो गई है. दरअसल, फाइनेंस करने वाले निजी क्षेत्र की कंपनियां रिकवरी के लिए इस तरह से एजेंट बहाल करती है. एजेंट बहाल करना और सड़क पर छिना झपटी कानूनी रूप से कितना सही है अथवा गलत या तो अलग बात है. लेकिन सड़क पर चलने वाले लोगो से रिकवरी एजेंट के नाम पर गुंडागर्दी की जा रही है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
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