चतरा (CHATRA) : अक्सर अखबारों में ऐसी खबर सामने आती है. जहां सरकारी काम को पूरा करने के बाद बड़े पद पर बैठे अधिकारी हस्ताक्षर के नाम पर रिश्वत की मांग करते है. तो वहीं कई लोग अपना काम जल्दी कराने के लिए रिश्वत देते भी है. हालांकि कई बार एसीबी की टीम के द्वारा कार्रवाई करते हुए गिरफ्तार किया जाता है. लेकिन इसके बावजूद भी सरकारी टेबल के नीचे धड़लेले से रिश्वत का आदान-प्रदान जारी रहता है. ऐसा ही एक मामला चतरा जिले से सामने आया है. जहां एसीबी की टीम ने बड़ी कार्रवाई करते हुए पंचायत सचिव औऱ प्रखंड समन्वयक को गिरफ्तार किया है. मिली जानकारी के अनुसार एसीबी की टीम को शिकायत मिली थी, जिसके बाद जाल बिछाकर दोनों को घूस लेते रंगेहाथों गिरफ्तार किया गया.
पंचायत सचिव और प्रखंड समन्वयक ने की घूस की मांग
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मनरेगा के 15वें वित्त आयोग की योजना के तहत निर्मित योजनाओं के नाम पर पंचायत सचिव और प्रखंड समन्वयक घूस की मांग की थी. जिसमें पहरा गांव निवासी सूरज साव से रिश्वत की रकम ली जा रही थी. लेकिन सूरज ने रिश्वत देने के वजह इसकी शिकायत एसीबी से कर दी. सूरज ने एसीबी की टीम को बताया कि चतरा जिले के गिद्धौर प्रखंड कार्यालय के पंचायत सचिव और प्रखंड समन्वयक उससे घूस की मांग कर रहे है. जिसके बाद एसीबी की टीम ने जाल बिछाकर दोनों को गिरफ्तार किया. गिरफ्तारी के बाद दोनों आरोपियों को एसीबी की टीम अपने साथ एसीबी कार्यालय ले गई, जहां दोनों से पूछताछ की जा रही है. फिलहाल एसीबी की इस कार्रवाई से प्रखंड कार्यालय में हड़कंप मच गया.
हजारीबाग की टीम ने की कार्रवाई
मिली जानकारी के अनुसार हजारीबाग एसीबी की टीम ने गिद्धौर प्रखंड कार्यालय में यह कार्रवाई की है. जानकारी देते हुए डीएसपी विमलेश त्रिपाठी ने बताया कि घूस लेने की शिकायत मिली थी. जिसके बाद एसीबी की टीम ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार किया. एसीबी की टीम ने पंचायत सचिव कमलेश वर्मा के पास से पांच हजार रुपए और प्रखंड समन्वयक सीताराम रजक ने पार से दो हजार रुपए बतामद किया है.
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