धनबाद(DHANBAD): बिहार में अस्थाई ठिकाना और धनबाद में स्थाई ठिकाना बनाकर बालू के धंधे में माफियागिरी करने वाले लोगों पर प्रवर्तन निदेशालय का शिकंजा कसता जा रहा है. धनबाद के मिथिलेश सिंह की गिरफ्तारी के बाद बबन सिंह और सुरेंद्र जिंदल की भी गिरफ्तारी की खबर है.सुरेंद्र जिंदल चनचनी कॉलोनी में रहते है जबकि बबन सिंह जय प्रकाश नगर में रहते है. ईडी की टीम ने कल यानि गुरुवार को इनके ठिकानों पर छापेमारी शुरू की थी. शुक्रवार को सुबह इन्हें गिरफ्तार करने की खबर आई. ईडी की टीम इन्हें लेकर अपने साथ पटना चली गई है. इसके पहले धनबाद के बालू कारोबारी जगनारायण सिंह और उनके बेटे को ईडी गिरफ्तार कर चुकी है. ब्राड सन कमोडिटीज प्राइवेट लिमिटेड और आदित्य मल्टीकॉम प्राइवेट लिमिटेड के निर्देशको और उनसे जुड़े लोगों के खिलाफ कार्रवाई तेज होती दिख रही है. 5 जून को प्रवर्तन निदेशालय ने बिहार, झारखंड के धनबाद और हज़ारीबाग़ ,पश्चिम बंगाल में छापेमारी की थी. धनबाद में 5 से अधिक जगहों पर 5 जून को प्रवर्तन निदेशालय ने छापेमारी की थी.
250 करोड़ के राजस्व का नुकसान पहुंचाने का आरोप
इन दोनों कंपनियां चलाने वालों ने बालू का अवैध खनन कर 250 करोड़ के राजस्व का नुकसान सरकार को पहुंचाया है. ईडी की कार्रवाई का आधार बिहार पुलिस की ओर से पूर्व में दर्ज f.i.r. है. खनन विभाग से भी ईडी को कुछ जानकारियां मिली है. बिहार सरकार को तकरीबन 250 करोड़ राजस्व का नुकसान पहुंचाने का आरोप इन दोनों कंपनियों पर है. छापेमारी के बाद 60 बैंक खातों को फ्रीज कर दिया गया था . डेढ़ करोड़ नगद और 11 करोड की प्रॉपर्टी से संबंधित दस्तावेज जब्त किये गए थे. . 6 करोड़ के एफडीआर से संबंधित दस्तावेज के अलावा कई फिजिकल एवं डिजिटल डॉक्यूमेंट भी जब्त किये गए थे . बिहार के बालू घोटाले को लेकर धनबाद में 5 जून की छापेमारी के साथ ही प्रवर्तन निदेशालय की पहली बार एंट्री हुई थी. इसके पहले धनबाद में कभी प्रवर्तन निदेशालय की छापेमारी नहीं हुई थी. जिनके यहां छापेमारी हुई, जिनकी गिरफ्तारियां हुई ,उनमें से कई पहले स्क्रैप का काम करते थे, कुछ कोयले का काम भी करते थे. किसी का बालू पुश्तैनी धंधा था. इस छापेमारी से कोयलांचल में इस बात की चर्चा खूब चल रही है कि कौन कारोबारी मकड़ी की जाल की तरह किसके साथ कारोबार कर रहा है,एक चेहरे में कितने चेहरे छुपे हुए है. धनबाद के कारोबारी केवल बिहार, बंगाल ही नहीं, बल्कि दूसरे प्रदेशों के कारोबारियों के साथ भी साझेदार है.
कोयले के धंधे से शिफ्ट हुए बालू में और फंस गए
यह बात अलग है कि पैसा इनका होता है और कारोबार कोई और करता है. कोयले के धंधे की ही बात कर ली जाए तो कोयले में इस तरह के काम खूब होते है. सूत्र बताते हैं कि जिनके यहां जांच चल रही है या जो गिरफ्तार कर लिए गए हैं, उनको धनबाद के पांच देवों में एक नवरंग देव सिंह के पुत्र जगनारायण सिंह बालू के धंधे में लाए थे. मिथिलेश सिंह के बारे में कहा जाता है कि वह पहले कोयला का डीओ लगाते थे. सुरेंद्र जिंदल सहित अन्य साझेदार भी पहले कोयला का काम करते थे. बालू कारोबार में ईडी की जाँच के साथ ही धनबाद कोयलांचल में पहली बार ईडी का प्रवेश हुआ था. यह प्रवेश 5 जून को की गई छापेमारी से हुआ था. वैसे प्रवर्तन निदेशालय की ताबड़तोड़ कार्रवाइयों से दर्जन भर लोगों की चेहरे की हवाइयां उड़ी हुई है. कब किस को नोटिस आ जाए, कब कौन गिरफ्तार हो जाए, इसको लेकर ऐसे लोगों की चिंताएं बढ़ी हुई है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
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