रांची (RANCHI) : सरकारी अस्पताल की बदहाली तो आपने अक्सर देखी होगी कि किस तरह से मरीज जमीन पर पड़े रहते है उन्हें ठीक से सुविधाये तक नहीं मिलती, ऐसे में झारखंड के सरकारी अस्पताल की तस्वीर बदल चुकी है जहां जटिल से जटिल बीमारी का इलाज सफलता पूर्वक हो रहा है. राजधानी रांची के सदर अस्पताल में पहली बार TAPE विधि के द्वारा इंसीजनल हर्निया का सफल ऑपरेशन किया गया है.
पेट के निचले भाग में तीन बड़े-बड़े छेद
सदर अस्पताल में एक महिला हर्निया का इलाज कराने पहुंची थी. स्थिति ऐसी थी कि महिला के पेट के निचले भाग में तीन बड़े-बड़े छेद थे, और ठीक उसी जगह पर यूरिनरी ब्लैडर रहता है. जिस वजह से ऑपरेशन काफी चुनौती भरा था. डॉक्टर का कहना है की सर्जरी आसान नहीं थी. यूरिनरी ब्लैडर में परेशानी होने की वजह से इसे ठीक करना मुश्किल था. महिला की स्थिति ऐसी थी कि यह हर्निया उसकी जान कभी भी ले सकता था. ऐसे में डॉक्टरों ने TAPE/TAPP की मदद से महिला का सफल ऑपरेशन किया और उसकी जिंदगी बचा ली. ये तकनीकी जमाने के लिए एन नजीर और रोगियों को एक नई उम्मीद बनकर उभरी है.
जानिए क्या है TAPE/TAPP सर्जरी
किसी भी सर्जरी के बाद कट्स को बंद करने के लिए टाकों की मदद ली जाती है. ऐसे में कई बार देखा गया है की टाके लगवाने से पकने जैसी समस्या आ जाती है. शरीर के अंदर नाजुक टिशूज को इससे नुकसान पहुंचता है. इन समस्याओं को ध्यान में रखते हुए अब इस नई तकनीकी TAPE/TAPP का इस्तेमाल किया जा रहा है. जिस तकनीकी के तहत सर्जरी के लिए डेवलप किया गया टेप कई छोटे-छोटे पीजी में काटकर स्क्रीन के दोनो सतहों पर फिक्स किया जाता है ताकि कट वाले स्पेस में दोनों तरफ से स्किन एक दूसरे से जुड़ सके और ऐसा करने से टाके लगवाने की जरूरत नहीं पड़ती है. इस स्टेप को बनाने के लिए जिलेटिन या चितौसन की एक पट्टी के रूप में तैयार किया जाता है और यह दोनों ही एलिमेंट टूटकर आराम से बॉडी के अंदर मिक्स हो जाते हैं खास बात तो यह है कि यह टिप अपना काम पूरा करने के बाद ही टूटा है इससे शरीर में किसी प्रकार का नुकसान भी नहीं होता और पकने जैसी समस्याओं से लोगों को निजात मिलता है.
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