धनबाद(DHANBAD): जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव सह अवर न्याया धीश राकेश रोशन ने रविवार को लीगल ऐड डिफेंस काउंसिल की टीम के साथ मंडल कारा, धनबाद का निरीक्षण किया. जेल में कुल 636 दोषसिद्ध व विचाराधीन बंदी मिले. न्यायाधीश ने कारागार के प्रत्येक बैरक में पहुंचकर बंदियों से उनके स्वास्थ्य, इलाज, पेयजल, नाश्ता , भोजन व मुकदमे में पैरवी के लिए अधिवक्ता होने अथवा न होने की जानकारी ली. स्वच्छता पर विशेष ध्यान देते हुए न्यायाधीश ने बंदियों के शौचालयों की साफ-सफाई का निर्देश दिया. कारागार अस्पताल में निरुद्ध बीमार बंदियों के बेहतर इलाज के लिए उन्हें उच्च स्वास्थ्य सेंटर भेजे जाने, शिक्षापरक एवं रोजगार परक शिविरों का आयोजन कराकर उन्हें प्रशिक्षित किए जाने का निर्देश दिया. इस दौरान कुछ ऐसे बंदी मिले, जिनकी उम्र 18 वर्ष से कम देखने में प्रतीत हो रही थी.
बंदियों से बातचीत कर जानी परेशानियां
न्यायाधीश ने उन बंदियों को दूसरे बंदियों से अलग वार्ड में रखने का निर्देश जेलर को दिया तथा एलएडीसीएस को निर्देश दिया कि उनके घर वालों से संपर्क कर उनके जन्म संबंधी प्रमाण पत्र की व्यवस्था करें और आवश्यक कार्रवाई करे. न्यायाधीश ने महिला बैरक में निरुद्ध कुल 26 महिला बंदियों से मुलाकात कर उनकी समस्याओं को सुना. निरीक्षण के दौरान जेलर को निर्देशित किया गया कि सभी बन्दियों का वर्तमान डेटा जेल के पैरा लीगल वालेंटियर (विधिक स्वंयसेवक ) के माध्यम से कम्प्यूटर पर फीड कराया जाए. निरूद्ध सभी महिला बन्दी स्वस्थ्य पायी गई. न्यायाधीश ने चिकित्सा सुविधाओं, पुस्तकालय, रसोई घर, वहां तैयार हो रहे भोजन ,व्यावसायिक प्रशिक्षण केंद्र और ध्यान-सह-योग केंद्र में सुविधाओं का जायजा लिया. उन्होंने बंदियों से भी बातचीत की और उनकी समस्याओं के बारे में पूछा. उन्होंने जेल प्रशासन को बंदियों को नियमानुसार सुविधाएं मुहैया कराने के निर्देश दिए और कहा कि प्रशासन की ओर से किसी भी तरह की ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी.
बंदियों को दी गई कानून की जानकारी
इसके पूर्व मंडल कारा, धनबाद में विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया. शिविर में न्यायाधीश एलएडीसीएस के चीफ कुमार विमलेंदु , डिप्टी चीफ अजय कुमार भट्ट ने बंदियों के अधिकार, जमानत संबंधी प्रावधान व प्री बारगेनिंग अधिनियम, हाईकोर्ट द्वारा चलाए जा रहे यूटीआरसी स्कीम के बारे में जानकारी दी. अवर न्यायाधीश राकेश रोशन ने वैसे बंदी, जो साधारण अपराध के मामलों में जेल में बंद है, तथा जो अधिवक्ता रखने में सक्षम नहीं है, उन्हें यूटीआरसी स्कीम के तहत 15 मई तक कानूनी प्रक्रिया द्वारा जमानत याचिका दायर करने का निर्देश एलएडीसीएस को दिया. उन्होंने कहा
कि राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकार द्वारा लीगल एड डिफेंस काउंसिल सिस्टम की स्थापना की गई है. इसमें ऐसे बंदी जो अपना अधिवक्ता स्वयं करने में आर्थिक रूप से असमर्थ हैं, उनके मुकदमे की निशुल्क पैरवी के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकार में चीफ , डिप्टी चीफ व असिस्टेंट लीगल एड डिफेंस काउंसिल की नियुक्ति की गई है. उन्होंने जेल प्रशासन को निर्देशित किया कि बंदियों की समस्याओं के समाधान के लिए लीगल एड डिफेंस काउंसिल से निशुल्क विधिक सहायता प्राप्त करे. इसके लिए बंदी आवेदन जिला विधिक सेवा प्राधिकार को भेजे. इस मौके पर डिप्टी जेलर दिनेश वर्मा, एलडीसीएस के चीफ कुमार विमलेंदु ,डिप्टी चीफ अजय कुमार भट्ट, एलएडीसीएस के असिस्टेंट काउंसिल डालसा सहायक अरुण कुमार ,सौरव सरकार, पीएलबी ,शिव शंकर , उज्जवल शर्मा उपस्थित थे.
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