गोड्डा(GODDA):सरकारी विद्यालयों में छात्रों की उपस्थिति बढ़ाने के उद्देश्य से कई कार्यक्रम चलाए जाते है.स्कूल चलें हम अभियान के बाद इन दिनों सिटी बजाओ उपस्थित बढ़ाओ अभियान चलाया जा रहा है. इस अभियान का सकारात्मक असर भी देखने को मिल रहा है. लेकिन इस सबके बाबजूद गोड्डा जिला के पोड़ैयाहाट प्रखंड स्थित उत्क्रमित उच्च विद्यालय चतरा में छात्रों की उपस्थिति बढ़ने के बजाय अचानक कम हो गयी है.शिक्षा विभाग के आंकड़ों के अनुसार विद्यालय में नामांकित छात्रों की संख्या 1070 है. छात्रों की उपस्थिति बढ़ाने के लिए 8 फरवरी को डीसी और एसपी को गांव पहुंचना पड़ा, सवाल उठता है कि आखिर क्यों छात्रों की उपस्थिति अचानक कम हो गयी.
प्रथम दृष्टया पुलिस के द्वारा भी घटना की वजह प्रेम संबंध बताया गया
इस सवाल का जबाब जानने के लिए आपको लगभग 2 सप्ताह पूर्व के घटनाक्रम को जानना होगा.दरअसल 30 जनवरी 2024 को विद्यालय अन्य दिनों की भांति खुला था, परिसर छात्रों से गुलजार था, कई शिक्षक छात्रों को पढ़ाने में मशगूल थे कि अचानक विद्यालय परिसर गोलियों की तड़तड़ाहट से गूंज उठा.शिक्षक और छात्र जब तक कुछ समझते उसके पूर्व ही विद्यालय के लाइब्रेरी रूम में दो शिक्षकों की लाशें गिर चुकी थी, तीसरे शिक्षक खून से लथपथ फर्स पर पड़े थे.लाइब्रेरी रूम अंदर से बंद था. सूचना मिलते ही पोड़ैयाहाट थाना की पुलिस और गोड्डा एसडीपीओ घटना स्थल पर पहुंची, और दरवाजा तोड़कर घायल शिक्षक रवि रंजन को इलाज के लिए अस्पताल भेजा, जिसकी मौत इलाज के दौरान हो गयी, जबकि लाइब्रेरी रूम में मृत शिक्षक आदर्श कुमार और शिक्षिका सुजाता कुमारी के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया.स्कूल परिसर में हुई घटना को लेकर जितनी मुंह उतनी बातें होने लगी, प्रथम दृष्टया पुलिस के द्वारा भी घटना की वजह प्रेम संबंध बताया गया.
30 जनवरी को लाइब्रेरी रूम में पहले आदर्श और फिर सुजाता की गोली मारकर हत्या कर दी
सूत्रों की माने तो पहले रवि रंजन और सुजाता कुमारी में दोस्ती थी,कहा जाता है कि यह दोस्ती प्यार में बदल गयी, बाद में उत्तर प्रदेश के चंदौली निवासी आदर्श कुमार की नियुक्ति विद्यालय में हुई,सुजाता का झुकाव आदर्श कुमार के तरफ हो गया, जो रवि रंजन को नागवार गुजरा और बदले की भावना में उसने 30 जनवरी को लाइब्रेरी रूम में पहले आदर्श और फिर सुजाता की गोली मारकर हत्या कर दी, बाद में अपने आप को भी गोली मार ली.इस घटना ने विद्यालय में पढ़ने वाले छात्रों के दिलो दिमाग पर ऐसा प्रभाव डाला कि घटना के बाद से छात्रों का विद्यालय आना कम हो गया.
शिक्षकों को निर्देश दिया गया कि स्कूल के बाद सभी छात्रों के घर जाकर उत्साहवर्धन करें
विद्यालय में छात्रों की उपस्थिति कम होने की जानकारी डीसी को मिली.8 फरवरी को डीसी जीशान कमर और एसपी नाथू सिंह मीना दल बल के साथ चतरा गांव पहुंचे. विद्यालय के निरीक्षण के दौरान नामांकित 1070 छात्रों के विरुद्ध उपस्थिति कम थी. अधिकारियों ने छात्रों और शिक्षकों का मनोबल बढ़ाया. शिक्षकों को निर्देशित किया गया कि शैक्षणिक कार्य के बाद सभी छात्र छात्राओं के घर जाकर उनका उत्साहवर्धन करें और विद्यालय आने के लिए प्रेरित करें. अधिकारियों ने विद्यालय प्रांगण में उपस्थित छात्र छात्राओं के अभिभावकों, बच्चों और शिक्षा कर्मियों से भी संवाद स्थापित किया.गोलीबारी की घटना को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया.
विद्यालय में असहज स्थिति उत्पन्न होने पर इसकी सूचना देने को कहा गया
वहीं घटना का कोई दुष्प्रभाव विद्यालय के संचालन पर नहीं पड़े इसके लिए सभी को अपने मनोमस्तिष्क से उस घटना को निकाल लेने की अपील भी की.विद्यालय में किसी भी प्रकार की असहज स्थिति उत्पन्न होने पर इसकी सूचना देने को कहा गया ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटना की पुनरावृत्ति ना हो.जिले के अधिकारी विद्यालय की दैनिक गतिविधि को सामान्य बनाने का प्रयास कर रहे हैं, इसकी सराहना जरूर होनी चाहिए लेकिन यह इतना आसान भी नहीं है,जिन छात्रों ने विद्यालय में पड़ी शिक्षकों की लाशें देखी है,क्या वो इतनी आसानी से इस घटना को भूल पाएंगे? शायद नहीं. ऐसी स्थिति में विद्यालय में छात्रों की उपस्थिति बढ़ाना जिला प्रशासन के लिए कठिन चुनौती है.
रिपोर्ट-गोड्डा से अजीत के साथ दुमका से पंचम झा
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