धनबाद(DHANBAD): झारखंड में सत्तासीन झारखंड मुक्ति मोर्चा की जन्मस्थली धनबाद ही है. धनबाद से ही विधायक कल्पना सोरेन को संगठन में कोई नई और बड़ी जिम्मेदारी मिलने जा रही है. 2 फरवरी को दुमका में झामुमो का स्थापना दिवस मनाया जाएगा तो 4 फरवरी को धनबाद में स्थापना दिवस मानेगा. धनबाद में ही झारखंड मुक्ति मोर्चा की स्थापना हुई थी. उसके बाद से लगातार 4 फरवरी को धनबाद में स्थापना दिवस मनाया जाता रहा है. यह अलग बात है कि पहले यह कार्यक्रम रात 9 बजे शुरू होता था और सुबह तक चलता था. लेकिन अब कोविड काल के बाद दिन के 2 बजे कार्यक्रम शुरू होता है और शाम 7 बजे तक खत्म हो जाता है. झारखंड मुक्ति मोर्चा पार्टी सूत्रों के अनुसार विधायक और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन को जल्द ही पार्टी में कोई बड़ी जिम्मेवारी मिलने जा रही है.
बड़ी जिम्मेवारी मिलने की वजहों की है लम्बी सूची
इसके कई वजह है. हेमंत सोरेन के जेल जाने के बाद उत्पन्न हुई प्रतिकूल परिस्थितियों में कल्पना सोरेन ने जिस मजबूती और दृढ़ता के साथ स्थितियों को संभाला , उसके बाद वह सबकी निगाहों में आ गई. कल्पना सोरेन ने खुद को साबित किया. हेमंत सोरेन की गैर मौजूदगी में न सिर्फ लोकसभा चुनाव में इंडिया ब्लॉक का नेतृत्व किया, बल्कि विधानसभा चुनाव में भी उन्होंने यह साबित कर दिया कि पार्टी को उनकी जरूरत है. दूसरे दलों के नेता भी अपने विधानसभा क्षेत्र में कल्पना सोरेन की मौजूदगी चाह रहे थे. इसके अलावा हेमंत सोरेन की अनुपस्थिति में उन्होंने इंडिया ब्लॉक की कई बैठकों में हिस्सा लिया. झारखंड का नेतृत्व किया, विधानसभा चुनाव में उन्होंने फिर से गांडेय विधानसभा से जीत हासिल की.
चुनाव में तो स्टार प्रचारक के रूप में उभरी
वह स्टार प्रचारक के रूप में उभरी और पूरे राज्य में धुआंधार प्रचार किया. विधानसभा चुनाव में उन्होंने लगभग 100 रैलियां और रोड शो किये. इस बात की पूरी संभावना है कि झारखंड मुक्ति मोर्चा में उन्हें नई और बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है. इस बार 4 फरवरी को धनबाद के कार्यक्रम में बढ़ती उम्र के कारण गुरुजी मौजूद नहीं रह सकते है. लेकिन कल्पना सोरेन विशेष तौर पर मौजूद रहेंगी. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी उपस्थित रहेंगे, तो झामुमो कोटे के मंत्री भी कार्यक्रम में हिस्सेदार होंगे. अगर यह कहा जाए कि झारखंड मुक्ति मोर्चा की राजनीति में विधायक कल्पना सोरेन पूरी तरह से छा गई है, तो अतिशयोक्ति नहीं होगी. झारखंड की राजनीति में कल्पना सोरेन सबसे चर्चित चेहरा बन गई है. विधानसभा चुनाव के पहले वह स्टार प्रचारक थी. इसका फलाफल भी पार्टी को मिला. लेकिन अब वह पूरी तरह से झारखंड मुक्ति मोर्चा की राजनीति की हिस्सेदार बन गई है.
झारखंड झुकेगा नहीं, इंडिया रुकेगा नहीं का दिया था नारा
बता दे कि झारखंड झुकेगा नहीं, इंडिया रुकेगा नहीं. यह नारा देकर कल्पना सोरेन चर्चा में आई थी. राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा के समापन पर कल्पना सोरेन ने मुंबई में इस नारे की जोरदार ढंग से वकालत की थी. पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के जेल जाने के बाद और लोकसभा चुनाव के बीच कल्पना सोरेन की झारखंड की राजनीति में एंट्री हुई. . इस एंट्री को लेकर कई तरह के कयास लगाए जाते रहे. झारखंड की राजनीति में कल्पना सोरेन परिस्थिति बस ही आई जरूर , लेकिन राजनीति में आते ही उन्होंने लोगों का भरोसा जितने में बहुत वक्त नहीं लिया. यह अलग बात है कि हेमंत सोरेन को पहले से ही लग रहा था कि उन्हें जेल जाना पड़ सकता है. इसलिए 31 दिसंबर 2023 को गिरिडीह के गांडेय विधानसभा से विधायक डॉक्टर सरफराज अहमद को इस्तीफा दिलवाया गया. यह इस्तीफा उन्हें इस शर्त पर शायद दिलाया गया कि उन्हें राज्यसभा भेज दिया जाएगा और राज्यसभा भेजा भी गया.उसके बाद तो कल्पना सोरेन आगे बढ़ती जा रही है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
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