धनबाद(DHANBAD): धनबाद जिला कांग्रेस में भी दलित की राजनीति शुरू हो गई है. धनबाद के दलित समाज से जुड़े कांग्रेसी अब प्रदेश अध्यक्ष को हटाने की मांग कर रहे है. संतोष सिंह को भी जिला अध्यक्ष से हटाने की मांग हो रही है. धनबाद में कांग्रेस की छिछालेदर हो रही है. पहले से ही छितराई कांग्रेस अब बिखरने लगी है. बुधवार को दलित कांग्रेस एकता मंच के बैनर तले रणधीर वर्मा चौक पर सत्याग्रह कार्यक्रम किया जा रहा है. इस कार्यक्रम में नारेबाजी की जा रही है कि प्रदेश अध्यक्ष को हटाया जाए. झारखंड प्रदेश अनुशासन समिति के अध्यक्ष ब्रजेन्द्र प्रसाद सिंह धनबाद के ही है. उनके पास मामला पंहुचा हुआ है. उनसे संपर्क करने का प्रयास किया गया लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया.
अनुसूचित जाति के कांग्रेसी भी बट गए है गुटों में
इधर, अनुसूचित जाति के कांग्रेसी भी दो गुट में बट गए है. दोनों गुटों ने अनुशासन समिति के अध्यक्ष ब्रजेन्द्र प्रसाद सिंह को लिखित रूप से आवेदन दिया है. लेकिन इस आवेदन पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है और इधर सत्याग्रह कार्यक्रम शुरू हो गया है. 15 अक्टूबर को झरिया में जब लोकसभा समन्वय समिति की बैठक हो रही थी ,तब वहां भी अनुचित जाति से जुड़े कांग्रेसियों ने धरना दिया था. इसके पहले लोकसभा समन्वय समिति की बैठक धनबाद में हो रही थी तो उसे बैठक का भी विरोध किया गया था. अब सीधे प्रदेश अध्यक्ष को हटाने की मांग हो रही है. सवाल उठता है कि अनुसूचित जाति से जुड़े कांग्रेस के लोग स्वयं आंदोलन कर रहे हैं या इसके पीछे कोई "मास्टरमाइंड" है और अगर "मास्टरमाइंड" है तो 2024 चुनाव के पहले क्या वह सुरक्षित बच सकता है.
क्या कहते हैं धनबाद जिला अध्यक्ष
इस संबंध में कांग्रेस के जिला अध्यक्ष संतोष सिंह से जब फोन पर संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि 200 लोगों की जिला समिति में उन्होंने 27 लोगों को अनुसूचित जाति से शामिल किया है. इसके अलावा कोऑर्डिनेशन कमिटी में भी 7 लोगों को प्रदेश अध्यक्ष और प्रभारी से अनुरोध कर शामिल कराया. यह काम तो प्रदेश स्तर पर और आईसीसी स्तर पर होता है. हमने अनुसूचित जाति को हर संभव शामिल करने का प्रयास किया है. संतोष सिंह ने कहा कि धनबाद जिले के तीन प्रखंड अध्यक्ष और एक नगर अध्यक्ष दलित समुदाय से आते है. प्रखंड कांग्रेस कमेटी के पैड पर अनुशासन समिति के अध्यक्ष ब्रजेन्द्र सिंह को दूसरे गुट ने एक पत्र दिया है और कहा है कि प्रदेश अध्यक्ष को हटाने की साजिश में जो लोग शामिल है, उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई होनी चाहिए. वह लोग भाजपा से मिलकर कांग्रेस को कमजोर करना चाहते है. देखना है यह विवाद कांग्रेस को कहा पहुंचाता है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
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