दुमका(DUMKA):इन दिनों संथाल परगना प्रमंडल में सोहराय पर्व की धूम है. 5 दिनों तक चलने वाला सोहराय पर्व संथाल समाज का सबसे बड़ा पर्व माना जाता है, जिसकी तुलना हाथी से की जाती है. दुमका ही नहीं प्रमंडल के सभी जिलों में शहर से लेकर गांव तक और गली मोहल्ले से लेकर विभिन्न जगहों पर परंपरागत परिधान पहनकर लोग मांदर और टमाक की थाप पर थिरकते नजर आ जाएंगे.
सोहराय पर्व को भाई बहन के प्रेम का प्रतीक भी माना जाता है
आपको बताये कि सोहराय पर्व को बंदना पर्व भी कहा जाता है, और इसे भाई बहन के प्रेम का प्रतीक भी माना जाता है. मानव जीवन और प्रकृति के बीच गहरे संबंध को दर्शाता है. इसमे पशु की पूजा की जाती है.जिसकी वजह से इसको धूमधाम से मनाया जाता है.
पूर्व मंत्री भी मांदर की थाप पर कदमताल करते नजर आईं
दुमका के एसपी कॉलेज मैदान में सोहराय मिलन समारोह का आयोजन किया गया.काफी संख्या में युवक युवतियां परंपरागत परिधान पहनकर मैदान में एकत्रित हुए. इष्ट देव की पूजा अर्चना की गई. टोलियों में बंट कर युवक युवतियां, स्त्री पुरुष, बूढ़े बच्चे सभी साथ थिरकते नजर आए. कार्यक्रम में शिरकत करने पूर्व मंत्री लुईस मरांडी भी पहुंची. मांदर की थाप पर पूर्व मंत्री भी कदमताल करते नजर आईं. वहीं शिकारीपाड़ा में आयोजित सोहराय मिलन समारोह में स्थानीय विधायक नलीन सोरेन शरीक हुए. उन्होंने इस पर्व के बारे में विस्तार से बताया.
रिपोर्ट-रंजीत ओझा
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