श्रीमान मुझे पैसे के लिए न दौड़ाए.....अपने ही पैसे निकालने के लिए वृद्ध महिला काट रही है बैंक का चक्कर लेकिन नहीं सुन रहे अधिकारी, जानिए क्या है मामला
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चतरा: लावालौंग प्रखण्ड के लमटा गांव की एक वृद्ध महिला कई महीनों से बैंक ऑफ इंडिया( बगरा ) शाखा के चक्कर काट रही है. फिर भी अब तक उसका केवाईसी ना हुआ ना उसको खाता से पैसे निकासी का परमिशन मिला है. महिला ने बताया की 2014 में बैंक में पैसा फिक्स किया था. 2021 में समय पूरा हो गया उसके बाद जब भी बैंक जाती है पैसा नहीं दिया जाता है. महिला ने बताया कि आधार कार्ड में उसका नाम तेतरी देवी है, जबकि बैंक पासबुक में घर का नाम यमुनी देवी है. यानी दोनों नाम मेरे ही है. महिला ने कहा कि यह गलती उनके लिए बहुत बड़ी परेशानी बन गई है. एक कहावत तो आपने सुना होगा की देने समय कोई नहीं जानता लेने समय पूरी बस्ती जानती है, यही कहावत इस महिला और बैंक के साथ सटीक बैठता है. जब बैंक में पैसा जमा करने जाते हैं तो पैसे आसानी से ले लिया जाता है. पर जब अपना ही पैसा बैंक से निकालने की समय होती है तो बैंक वाले कई नियम कानून बताने लगते हैं. इसी का शिकार हुई है लावालौंग प्रखंड के लमटा गांव निवासी तेतरी देवी उर्फ यमुनी देवी.
महिला ने बैंक में एक शपथ पत्र भी दिया फिर भी नहीं हो था काम
76 वर्ष की वृद्ध महिला महिला की यही गलती है की अपना पैसा बैंक में रखी और उसमें घर का नाम यमुनी देवी के नाम से रुपया फिक्स कर दिया गया है और बैंक वालों ने उस समय आसानी से पैसे को जमा कर लिया. अब जब देने की बारी आई तो कई नियमों का पाठ पढ़ा कर कई महीनो से टहलाया जा रहा है. जबकि महिला ने एक शपथ पत्र भी बैंक वालों को दिया कि मैं ही तेतरी देवी उर्फ यमुनी देवी हूं. वृद्ध महिला ने नम आंखों से बैंक से विनती की है कि आप मुझे ज़्यादा परेशान न करें मेरे पैसे दे दो मैं ज्यादा भाग दौड़ या बार बार नहीं बैंक का चक्कर काट सकती हूं.
रिपोर्ट: मोकिम अंसारी
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