धनबाद(DHANBAD): झारखंड एटीएस को असरफ के नाम का तुरूप का पत्ता हाथ लग गया है. अब असरफ को केंद्र में रखकर झारखंड एटीएस धनबाद कोयलांचल का आतंक बने प्रिंस खान गैंग की जड़ों में मट्ठा डाल रही है.पलामू से इसकी गिरफ्तारी हुई है. असरफ से पुलिस को कई महत्वपूर्ण जानकारियां मिली हैं. कैसे गैंग संचालित होता है, प्रिंस खान गैंग का कौन पर्चा लिखता है, कौन घटना होने के तुरंत बाद वायरल करता है, यह सब पुलिस को मालूम चल गया है.
असरफ प्रिंस खान गैंग का शार्प शूटर है. एक जून की रात तोपचांची के दो होटलों में बम फेंकने की घटना के बाद 10 जुलाई की रात गोविंदपुर बाजार में बिहारी लाल चौधरी प्रतिष्ठान पर फायरिंग मामले में असरफ की तलाश हो रही थी. अब दोनों ही मामले में असरफ की भूमिका सामने आ गई है. पुलिस धनबाद में घटित कांडों के बारे में उससे जानकारी हासिल कर रही है. एटीएस की टीम पिछले कई दिनों से उसकी टोह में खाक छान रही थी.
मेदनीनगर जेल में हुई थी असरफ और प्रिंस खान की मुलाकात
असरफ के बारे में कहा जाता है कि प्रिंस खान से उसकी मुलाकात मेदनीनगर जेल में हुई थी. उस समय असरफ भी मेदिनीनगर जेल में था और प्रिंस खान को रंजीत सिंह हत्याकांड के मामले में धनबाद जेल से मेदिनीनगर जेल शिफ्ट किया गया था. वही दोनों की मुलाकात हुई. लोग बताते हैं कि असरफ को 2022 के अंतिम महीने में हाई कोर्ट से अपील बेल मिली है. जेल से बाहर आने के बाद वह प्रिंस खान से संपर्क किया और उसके गैंग में शामिल हो गया. मामला सिर्फ यहीं नहीं थमा. लेनदेन के भी खुलासे हुए .एटीएस को यह भी पता चल चुका है कि प्रिंस खान के कहने पर असरफ कई फायरिंग की घटनाओं को अंजाम दे चुका है.
प्रिंस खान ने असरफ के खाते में अब तक लगभग छह लाख किए ट्रांसफर
प्रिंस खान ने असरफ के खाते में अब तक लगभग छह लाख ट्रांसफर किए हैं. गोविंदपुर के बिहारी लाल चौधरी प्रतिष्ठान पर फायरिंग के चंद घंटे बाद ही उसके खाते में दो लाख आए थे. असरफ के बारे में एटीएस एसपी सुरेंद्र कुमार झा ने रांची में बताया है कि वह लोकेशन बदलने का मास्टर है. घटना के बाद वह बहुत तेजी से अपना लोकेशन बदल लेता है. संभवत यही कारण रहा होगा कि धनबाद पुलिस खोजती रह जाती थी और फायरिंग करने वाला निकल भागता था. वासेपुर के मछली कारोबारी सहित कपड़ा व्यवसाई के घर पर फायरिंग भी फिल्मी स्टाइल में की गई थी. अब देखना है कि असरफ के पकड़ में आने के बाद एटीएस का अगला कदम क्या होता है.
रिपोर्ट: धनबाद ब्यूरो
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