सरायकेला: सरायकेला जिले के चांडिल स्वर्णरेखा बहुउद्देशीय परियोजना के कारण डैम से विस्थापित हुए गरीब परिवारों का दुःख दर्द कोई नहीं समझ रहा. राज्य सरकार भी अब तक उन परिवार की शुद्धि लेने नहीं पहुंची हैं. ऐसे में मौसम भी इनका साथ नहीं दे रहा है और मजबूरन गरीब परिवार स्कूल में शरण लेने को बेबस हैं.
समाज सेवी सुखराम हेम्ब्रम ने राशन का किया वितरण
बता दें कि, लगातार तीन से चार दिनों तक हुई भारी बारिश के कारण जन जीवन अस्तव्यस्त हो गया है. भारी बारिश के कारण कई विस्थापित के घरों में पानी घुस गया. ऐसे में कई परिवार अपने घरेलू सामान को बचा कर स्कूल भवन में शरण लेने पहुंचे. इन विस्थापित परिवारों को रहने के लिए शरण तो मिल गया लेकिन इनके खाने के लाले पड़ गए हैं. ऐसे में इन बाढ़ पीड़ित 50 परिवारों के बीच समाज सेवी सुखराम हेम्ब्रम ने सुखा खाद्य चावल, दाल, तेल आदि सामग्री और तिरपाल का वितरण किया.
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