जामताड़ा (JAMTARA) : जामताड़ा में प्रशासनिक व्यवस्था चरमराई हुई है. झारखंड जनता पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष जयंतो बनर्जी ने इस बात का दावा किया है. उन्होंने एक वीडियो जारी किया है. जिसे नाला के पलास्थली स्थित ईसीएल के बंद कोयला खादान का बताया गया है. जहां भारी मात्रा में अवैध कोयला बाईक और बैलगाड़ी से बाहर भेजा जा रहा है. यह कोयला वर्षों से बंद पड़े खादान B- Quarry का है. जिसे बंगाल के रसूलपुर और दुमका के मसलिया में भेजा जा रहा है. इस पर नाला से ले कर जिला तक अधिकारी बोलने से कन्नी काट रहें है.
जमीन खाली करने का अल्टीमेटम
जामताड़ा के नाला मुख्यालय से 10 किलोमीटर पर पश्चिम बंगाल की सीमा पर ईसीएल का कोयला खदान है. जिसे ईसीएल ने अखंड बिहार सरकार से लीज पर लिया था. कालांतर से यहां खनन कार्य बंद है. जहां से जिला प्रशासन को राजस्व नहीं मिल रहा है. अब जिला प्रशासन ईसीएल से बकाया राजस्व लगभग एक अरब ₹65 करोड़ भूगतान कर जमीन खाली करने का अल्टीमेटम दिया है. जिसके बाद से ईसीएल अवैध खनन रोकने के आर में एक अंतराल पर बुलडोजर चला रही है. ऐसे कार्रवाई ख़त्म होते ही दुगने उत्साह से कोल माफिया, स्थानीय प्रशासन, वन विभाग और ईसीएल अधिकारियों को संतुष्ट कर अवैध धंधा शुरू कर देता है.
10 वर्षों से बंद पड़े खदान में हो रहा अवैध खनन
रविवार से मंगलवार तक चले डोजरिंग अभियान के बाद बुधवार से B- Quarry सहित दूसरे खदानों से अवैध कोयला निकालने का गोरखधंधा शुरू हो गया है. जिसका वीडियो आया है. इसमें 3 जेसीबी दिख रहा है. जो कुआं नुमा खदानों को मट्टी से भड़ रहा है. यहां ऐसे कुएं को भरा गया, जहां 10 वर्षों से उत्खनन बंद है. इसके विपरित यहां अवैध खनन हो रहा है. उसे अभियान दल ने नजर अंदाज कर दिया.
दिखावे की कार्रवाई
स्थानीय लोगों की मानें तो संज्ञान में रहने पर भी B- Quarry खदान को मिट्टी से नहीं भरा गया. जिस पर पार्टी अध्यक्ष ने अधिकारियों पर मोटी उगाही का आरोप लगाया है. उन्होंने बताया है कि यह कार्रवाई लोगों के आंखों में धूल झोंकने वाला है. जिससे व्यवस्था केवल सुर्खियां बटोर रहीं है.
रिपोर्ट: आर पी सिंह, जामताड़ा
4+