धनबाद(DHANBAD) : धनबाद के आईआईटी (आईएसएम) में नामांकन को पहुंचा उत्तर प्रदेश का यह दलित छात्र पढ़ाई पूरी करने के पहले ही राष्ट्रीय स्तर पर इसकी चर्चा हो रही है. हो भी क्यों नहीं- आर्थिक तंगी से जूझ रहे इस छात्र ने संघर्ष की एक मिसाल पेश की है. कई मिथक को तोड़ आगे निकल गया है. देश के सुप्रीम कोर्ट ने इस छात्र की पीड़ा सुनी और राहत दी. फिर तो इस छात्र की जिद के आगे सारी परेशानियां काफूर हो गई. इस छात्र का नाम अतुल कुमार है. इसका नामांकन आईआईटी,धनबाद में अब बीटेक इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में हो गया है. अतुल ने कहा कि समय पर फीस जमा नहीं होने सीट रद्द होने के बाद वह निराश हो गया था. मेरे पिताजी दिहाड़ी मजदूर हैं, लेकिन पिताजी ने कभी हिम्मत नहीं हारी. पिछले दो महीने से मेरे हर कदम पर साथ है.
बेटे को तकलीफ-पिता पर हो गया है भारी कर्ज
उन्होंने मेरी लड़ाई लड़ी, मुझे नामांकन दिलाने के चक्कर में पिता पर भारी कर्ज हो गया है. पढ़ाई पूरी कर घर की मदद करनी है. दलित छात्र अतुल कुमार जेईई एडवांस में 1455 कैटिगरी रैंक मिला था. उसे आईआईटी धनबाद में बीटेक इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में सीट आवंटित हुई थी. निर्धारित तिथि 24 जून तक 17,500 फीस जमा नहीं करने के कारण उसका नामांकन रद्द हो गया. उसके बाद अतुल के पिता राजेंद्र कुमार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, जहां से उसे बड़ी राहत मिली. शनिवार दोपहर को अतुल आईआईटी धनबाद पंहुचा. अतुल कुमार कैंपस पहुंचकर सबसे पहले अंबर हॉस्टल में रिपोर्ट की. अंबर हॉस्टल में कमरा आवंटित हुआ है. वह अपने पिता राजेंद्र कुमार और मामा ललित कुमार के साथ आया हुआ था. उसे 14 अक्टूबर तक सर्टिफिकेट वेरिफिकेशन कराने को कहा गया है. जानकारी के अनुसार छात्र के पिता को गांव के ही एक व्यक्ति ने रुपये देने की बात कही थी, लेकिन ऐन वक्त पर रुपये नहीं मिल सका.
समय पर नहीं जमा हो सकी थी फीस
शुल्क का इंतजाम करने में करीब पौने पांच बजे गए. जब तक वेबसाइट पर डाटा अपलोड करते, तब तक समय समाप्त हो गया. छात्र ने पहले एससी एसटी आयोग में प्रार्थना पत्र दिया, लेकिन सीट पर कोई राहत नहीं मिली. इसके बाद छात्र पहले हाईकोर्ट मद्रास पंहुचा. मद्रास के बाद प्रकरण सुप्रीम कोर्ट पंहुचा और उसे बड़ी राहत मिली. यूपी के टिटौड़ा गांव निवासी राजेंद्र के दो बेटे पहले ही आईआईटी की पढ़ाई कर रहे है. एक बेटा मोहित कुमार हमीरपुर और दूसरा बेटा रोहित खड़कपुर से आईआईटी कर रहे है. तीसरे बेटे अतुल ने कानपुर में टेस्ट दिया था. रैंक के हिसाब से उसे आईआईटी धनबाद का आवंटन हुआ था, लेकिन समय पर फीस जमा नहीं हो सकी थी. चौथा बेटा अमित खतौली में पढ़ाई कर रहा है, जबकि माता राजेश देवी गृहणी है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि आईआईटी में प्रवेश दें, हम ऐसे प्रतिभाशाली लड़के को जाने नहीं दे सकते.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
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