धनबाद(DHANBAD): झारखंड बीजेपी कार्यसमिति गठन की सुगबुगाहट तेज हो गई है. बहुत जल्द कार्यसमिति की घोषणा हो सकती है, लेकिन यह काम बहुत आसान भी नहीं होगा, ऐसा सूत्र बताते है. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी, प्रभारी लक्ष्मीकांत वाजपेई और संगठन महामंत्री कर्मवीर सिंह के बीच अभी हाल ही में दिल्ली में मंत्रणा हुई है. इस मंत्रणा पर कई लोगों की नज़रें टिकी हुई थी. इस बैठक में कार्यसमिति के पूरे स्वरूप पर विचार- विमर्श किया गया है. इस बार कार्यसमिति में रांची के बराबर संथाल और कोल्हान को प्रतिनिधित्व देने का लगभग निर्णय लिया जा चुका है. जुलाई महीने में बाबूलाल मरांडी के प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद से ही लोग कार्यसमिति पर टकटकी लगाए हुए हैं और अपनी पारी का इंतजार कर रहे है. वैसे बाबूलाल मरांडी को कार्य समिति की घोषणा करने में बहुत अधिक परेशानी नहीं होनी चाहिए , क्योंकि बाबूलाल मरांडी के लिए भाजपा का शीर्ष नेतृत्व निष्कंटक जमीन तैयार कर दी है.
रघुवर दास और अर्जुन मुंडा झारखंड की राजनीति से कर दिए गए है दूर
रघुवर दास को ओडिसा का राज्यपाल बना दिया गया है. अर्जुन मुंडा तो केंद्र की राजनीति में है ही. फिर भी इन नेताओं की भी नजर कार्यसमिति पर निश्चित रूप से रहेगी. चुनाव सिर पर सवार है. संथाल परगना भाजपा के टारगेट में है. वहां भाजपा सेंध लगाने की हर कोशिश कर रही है. ऐसे में कार्यसमिति के स्वरूप को लेकर भी फूंक फूंक कर कदम रखा जा रहा है. कार्यसमिति की घोषणा होने के बाद कई जिला अध्यक्षों की भी अदला-बदली हो सकती है. जिनके कार्यकाल पूरे हो गए हैं, उनकी जगह पर दूसरे लोगों को बैठाया जा सकता है. अगर उनके कार्यकाल को आगे बढ़ा दिया गया तो भी जो कार्यकर्ता जिला अध्यक्ष बनने की उम्मीद लगाए बैठे हैं, उनमे नाराजगी बढ़ेगी और प्रदेश नेतृत्व कभी ऐसा नहीं चाहेगा कि चुनाव के ठीक पहले किसी को नाराज किया जाए. वैसे जिला अध्यक्षों की नियुक्ति बहुत आसान नहीं हो सकती है. उसे जिले के विधायक और सांसद की हरी झंडी चाहिए. धनबाद जिला के महानगर और ग्रामीण जिला अध्यक्षों का कार्यकाल भी पूरा हो गया है.
धनबाद के दोनों अध्यक्षों का कार्यकाल हो गया है पूरा
कहा तो यह जाता है कि धनबाद महानगर के अध्यक्ष चंद्रशेखर सिंह सांसद पशुपतिनाथ सिंह के समर्थक है ,तो ग्रामीण जिला अध्यक्ष ज्ञान रंजन बाबूलाल मरांडी के कट्टर समर्थक है. लेकिन जिला अध्यक्ष बनने के लिए कार्यकर्ताओं की एक लंबी सूची है. यह सूची सिर्फ धनबाद में ही नहीं है, झारखंड के अन्य जिलों में भी लंबी चौड़ी सूची बनी है. ऐसे में कार्यसमिति की घोषणा के बाद जिला अध्यक्षों की नियुक्ति भी समय पर होगा अथवा इसमें भी वक्त लिया जाएगा, यह कहना भी कठिन है. वैसे, भाजपा 2024 के चुनाव को लेकर कमर कस रही है तो झारखंड मुक्ति मोर्चा भी पीछे नहीं है. संथाल परगना से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सरकार आपके द्वार कार्यक्रम की शुरुआत की तो भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने संकल्प यात्रा की शुरुआत की है. 2019 के चुनाव में झारखंड मुक्ति मोर्चा ने संथाल परगना के सभी रिजर्व सीटों पर जीत दर्ज की थी. अब बाबूलाल मरांडी के लिए इन सीटों को छीनना बड़ी चुनौती होगी.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
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