रांची(RANCHI): राजनीति में धीरे-धीरे महिलाओं का वर्चस्व बढ़ता जा रहा है. बढ़-चढ़कर महिलायें राजनीति के मैदान में उतर रही हैं और अपनी जीत का परचम भी लहरा रही हैं. साल 2014 के विधानसभा चुनाव कि बात करें तो उस वक्त 9 महिलायें विधायक चुनी गईं तो वहीं साल 2019 में 10 महिला विधायक बनी. हर बार के चुनाव में महिला विधायकों का आंकड़ा बढ़ता गया. अब झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 कि बात करें तो इस साल के चुनाव में 12 महिलायें चुनाव जीत कर विधायक बनी हैं. इन में 5 महिला कांग्रेस, भाजपा से 4 तो वहीं झामुमो से 3 महिलायें विधायक चुनी गई हैं. इनमें से एक महिला विधायक ऐसी भी हैं जिन्होंने इसी साल राजनैतिक सफर में कदम रखा और देखते ही देखते जनता के बीच अपनी अलग पहचान बना ली है. ऐसी कई महिलायें हैं जिन्होंने इस साल ही अपना राजनैतिक सफर शुरू किया है.
कांग्रेस से निशात आलम ने दर्ज की जीत
संताल परगना के पाकुड़ विधानसभा सीट से कांग्रेस ने आलमगीर आलम की पत्नी निशात आलम को चुनावी मैदान में उतारा था. निशात आलम का यह पहली चुनावी सफर रहा. हालांकि, पहली बार होते हुए भी उन्होंने 82 हजार से अधिक वोटों से जीत हासिल की और विधायक बनी.
महागामा से फिर विधायक चुनी गईं दीपिका पांडे सिंह
संताल परगना के ही महागामा सीट की बात करें तो यहां भी एक महिला विधायक चुनी गई हैं. कांग्रेस प्रत्याशी व झारखंड सरकार की कृषि एवं सहकारिता मंत्री दीपिका पांडे सिंह इसी सीट से विधायक चुनी गई हैं. इससे पहले साल 2019 में उन्होंने महागामा के ही विधायक के रूप में अपनी जीत हासिल की थी.
कांग्रेस की श्वेता सिंह बनीं विधायक
बोकारो विधानसभा सीट पर भी कांग्रेस की ही प्रत्याशी श्वेता सिंह ने जीत हासिल की है. श्वेता सिंह भी पहली बार विधायक के रूप में चुनी गई हैं. श्वेता सिंह का यह पहला चुनावी सफर है और पहली बार में ही वह विधायक चुन ली गई हैं. साथ ही श्वेता सिंह बोकारो के ही कद्दावर नेता समरेश सिंह की बहू भी हैं.
फिर से विधायक चुनी गईं शिल्पी नेहा तिर्की
एसटी आरक्षित मांडर विधानसभा सीट से भी इस बार महिला विधायक की जीत हुई है. इस सीट पर शिल्पा नेहा तिर्की विधायक चुनी गई हैं. शिल्पा नेहा तिर्की के पिता बंधु तिर्की भी इसी सीट से विधायक थे. लेकिन पिता के जेल जाने के बाद से शिल्पी नेहा तिर्की ने इसी सीट पर उपचुनाव में जीत हासिल की थी और अब वे विधायक के रूप में उभरी हैं.
रामगढ़ विधानसभा सीट से कांग्रेस की ममता देवी ने मारी बाजी
रामगढ़ विधानसभा सीट से कांग्रेस की ममता देवी चुनाव जीत कर विधायक चुनी गई हैं. ममता देवी दूसरी बार विधायक बनी हैं. इससे पहले वह साल 2019 में भी कांग्रेस के टिकट पर ही इसी सीट पर विधायक चुनी गई थीं.
झामुमो की स्टार प्रचारक कल्पना सोरेन
झामुमो की स्टार प्रचारक और हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन ने गांडेय विधानसभा सीट पर अपनी जीत दर्ज की है. इसी साल कल्पना सोरेन ने भी राजनैतिक सफ़र में कदम रखा था और देखते ही देखते उन्होंने जनता के बीच अपनी अच्छी खासी पहचान बना ली है. उन्होंने इसी साल गांडेय विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में जीत हासिल की थीं.
जामा से पूर्व मंत्री लुईस मरांडी
भाजपा का हाथ छोड़ झामुमो का दामन थाम डॉक्टर लुईस मरांडी ने जामा विधानसभा सीट से अपनी जीत दर्ज की है. लुईस मरांडी इससे पहले भाजपा कि ओर से दुमका सीट से विधायक थीं.
ईचागढ़ से सबिता महतो
झारखंड मुक्ति मोर्चा से एक और महिला विधायक चुनी गई हैं. सबिता महतो ईचागढ़ से विधायक चुनी गई हैं. सबिता महतो का भी यह पहला चुनावी सफर है जिसमें वह जीत हासिल कर विधायक के रूप में उभरी.
रघुवर दस की बहु पूर्णिमा दास
इस साल के चुनाव में भाजपा के चुनावी टिकट पर चुनावी सफर में कदम रखीं उड़ीसा के राज्यपाल रघुवर दास की बहु और जमशेदपुर पूर्वी से भाजपा प्रत्याशी पूर्णिमा दास ने भारी मतों से जीत हासिल की है. वह पूर्वी जमशेदपुर से विधायक कुणी गई हैं.
कोडरमा विधानसभा सीट पर डॉ. नीरा यादव
कोडरमा विधानसभा सीट से भाजपा के टिकट पर चुनावी मैदान में उतरी डॉ. नीरा यादव दोबारा से विधायक चुनी गई हैं. तीसरी बार डॉ. नीरा यादव विधायक बनी हैं. भाजपा ने उन्हें तीसरी बार इसी सीट से चुनावी मैदान में उतारा था. जिस पर नीरा यादव ने भारी मतों से जीत हासिल की है.
जमुआ विधानसभा सीट से मंजू कुमारी
एससी आरक्षित जमुआ विधानसभा सीट से भाजपा के टिकट पर मंजू कुमारी ने जीत दर्ज की है. मंजू कुमारी इस विधानसभा क्षेत्र से पहली बार विधायक बनी हैं.
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