धनबाद(DHANBAD): भारत कोकिंग कोल् लिमिटेड की आउटसोर्सिंग परियोजनाएं सहित अन्य खदानों में चलने वाले वाहनों के लिए अब एक नया निर्देश जारी हुआ है. खान सुरक्षा महानिदेशालय ने कोयला उत्पादन में लगी कंपनी भारत कोकिंग कोल् लिमिटेड को कहा है कि परियोजनाओं में चलने वाले छोटे-बड़े वाहनों पर लाल झंडे लगाए जाए. छोटे-छोटे वाहनों के चलने के अलग-अलग रास्ते भी निर्धारित किए जाएं, सिर्फ इतना ही नहीं, परियोजना के भ्रमण पर एजेंट या मैनेजर तक की गाड़ियों पर लाल झंडा लगे. ताकि वह सुरक्षित परियोजनाओं का भ्रमण कर सके.
हाल के दिनों में कई कर्मचारियों की चली गई है जान
हाल के दिनों में कोलियारियों में कई दुर्घटनाएं हुई. कर्मचारियों की जान चली गई. यह बात भी सच है कि साधारण रास्तों के अनुपात में कोलियारियों के रास्ते बहुत जटिल, घुमावदार, उच्चे -नीचे होते है. आदेश के पीछे मनसा यह है कि दूर से ही लोगों को पता चल जाएगा कि गाड़ियां आ रही है. सूत्र बताते हैं कि बीसीसीएल के सभी परियोजनाओं में वाहनों पर लाल झंडा लगाने का काम शुरू कर दिया गया है, लेकिन यह पूरी तरह से लागू होगा कि नहीं ,इसको लेकर कई तरह के संदेह व्यक्त किए जा रहे है. बीसीसीएल का मैक्सिमम उत्पादन अभी आउटसोर्सिंग के भरोसे हो रहा है. आउटसोर्सिंग कंपनियां प्रबंधन के निर्देशों का पूरी तरह से पालन नहीं करती है.
सुरक्षा मानकों को ले आउटसोर्सिंग कंपनियां रहती हैं निशाने पर
चाहे वह सुरक्षा मानकों का सवाल हो अथवा परियोजनाओं की सुरक्षा का. टास्क फोर्स की बैठक में हमेशा बीसीसीएल प्रबंधन अधिकारियों के निशाने पर होता है. लोग कहते हैं कि बीसीसीएल ही आउटसोर्सिंग कंपनियों को ठेका देती है, इसलिए यह कोल इंडिया की अनुसांगी इकाई अपनी जवाबदेही से बच नहीं सकती है. यह बात भी सच है कि परियोजनाओं में हाल के दिनों में कई दुर्घटनाएं हुई है. इसके बाद बवाल हुआ, पत्थर बाजी हुई, लोगों की जाने गई. इन घटनाओं के बाद नए निर्देश का कोलियरी , परियोजनाओं में हो रही दुर्घटना में कितनी कमी आती है, यह आदेश पूरी तरह से लागू होता है अथवा नहीं, यह सब आगे देखने वाली बात होगी.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
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