दुमका: चुनाव को लोकतंत्र का महापर्व कहा जाता है. यह प्रजातंत्र की खूबसूरती है कि यहां जनता ही जनार्दन कहलाती है. हर एक वोट का महत्व होता है. आपका एक वोट किसी प्रत्याशी की जीत का राह आसान कर सकती है तो किसी प्रत्याशी की जीत की राह में बाधक बन सकती है. जरूरत है प्रजातंत्र में वोट के महत्व को पहचानने की. तभी तो निर्वाचन आयोग के निर्देश पर मतदान का प्रतिशत बढ़ाने के लिए दुमका में स्वीप के तहत जागरूकता कार्यक्रम चलाया जा रहा है. इसके बाबजूद समय समय पर जिले के किसी से ग्रामीणों द्वारा वोट बहिष्कार का नारा बुलंद किया जाता है. ताजा मामला शिकारीपाड़ा प्रखंड के पर्वतपुर गांव से सामने आया है.
सड़क की मांग को लेकर ग्रामीणों ने किया वोट बहिष्कार
दुमका जिला के शिकारीपाड़ा प्रखंड के पर्वतपुर गांव के ग्रामीण मंगलवार को सड़क की मांग को लेकर वोट बहिष्कार की घोषणा कर दी. लोगों का कहना है कि आजादी के 76 वर्ष बाद भी गांव में सड़क नहीं है. इस वजह से काफी परेशानी होती है. खास तौर पर बरसात के दिनों में तो गांव से निकलना मुश्किल हो जाता है. बच्चे स्कूल नहीं जा पाते, लोग काम पर नहीं जा पाते. सबसे ज्यादा परेशानी मरीजों को होती है. उन्हें अस्पताल पहुंचना मुश्किल हो जाता है. ग्रामीणों का कहना है कि सड़क की मांग को लेकर प्रशासन से कई बार गुहार लगाई पर बातों को अनसुना कर दिया गया. वोट देने से क्या फायदा जब गांव में सड़क ही नहीं है. इसलिए लोगों ने आगामी लोकसभा चुनाव में वोट नहीं देने का निर्णय लिया है. ग्रामीणों ने कहा कि बूथ संख्या 124 पर वोट नहीं पड़ेगा.
जरूर बनेगा सड़क- अंचलाधिकारी
पुरे मामले पर शिकारीपाड़ा के अंचलाधिकारी कपिलदेव ठाकुर का कहना है कि लोगों को इस मामले को पहले संज्ञान में देना चाहिए थे. प्रशासन जनकल्याण के लिए ही तो हैं. सीओ ने कहा कि अब जब पर्वतपुर गांव की समस्या सामने आ गई है तो वहां सड़क जरूर बनेगा. उन्होंने ग्रामीणों से अपील किया कि वे वोट बहिष्कार की बात सोचे भी नहीं, मतदान अवश्य करें.
रिपोर्ट. पंचम झा
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